महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन की जयन्ती पर भावभीनी श्रद्धांजलि

देहरादूनः उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा (Karan Mahara) ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन की जयन्ती के अवसर पर उनका स्मरण करते हुएं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। करन माहरा ने कहा कि स्वदेश के स्वाधीनता संग्राम के संघर्ष में शहीद होने वाले बीरों में भारत के युवा श्रीदेव सुमन को अदम्य साहस, शौर्य और निर्भीकता के लिए विश्व इतिहास में सदैव याद किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा श्रीदेव सुमन ने भारत की आजादी के लिए निरंतर संघर्ष किया।

वह महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के निर्देश पर हिमालय के राज्यों से जनता मुक्ति में संघर्षरत रहे। श्री देवसुमन टिहरी जेल में चौरासी दिन तक भूख हड़ताल के उपरान्त उन्तीस वर्ष की अल्पायु में 25 जुलाय 1944 में शहीद हो गये। उन्होने कहा कि युवा श्रीदेव सुमन ने स्वाधीनता के लिए संघर्ष करते हुए सदैव संगठन, सहयोग, सुधार और सत्याग्रह को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मुख्य आधार मान लिया था। संगठन की दिशा में श्रीदेव सुमन ने दिल्ली, देहरादून, लाहौर, शिमला, टिहरी और मसूरी में कई संस्थाओं की स्थापना की।

ये संस्थायें लगातार देश और राज्योें की आजादी के लिए संघर्षरत रही। उन्होंने कहा सहयोग के लिए श्रीदेव सुमन महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू तथा अनेक नेताओं से समय-समय पर मिलते रहे और उनसे राजनीतिक परामर्श कर आगे बढ़ते रहे। सुधार के क्षेत्र में निरक्षता-निवारण, स्वच्छता, मद्य निषेघ कराने के लिए वह हमेशा प्रयत्नशील रहे। करन माहरा ने कहा कि श्रीदेव सुमन का व्यक्तित्व हिमालय के समान दृढ़ और अचल था।

उन्होंने दृढ़ प्रतिज्ञ होकर देश की आजादी के लिए अनेक महत्वपूर्ण भूमिकायें निभाई। वे पहाड़ी जनता की गुलामी और गरीबी दूर करने के साथ देश भर में खुशहाल जीवन लाने के लिए सत्ता से लड़ते रहे और इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए उन्होंने अपना जीवन बलिदान कर दिया, ऐसे बीर महान स्वतंत्रता सेनानी को मैं शत-शत नमन करता हॅू।

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