उत्तराखंड राज्य आंदोलन में डीडी पांडे का योगदान अविस्मरणीय

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक पूर्व मंत्री (Dhirendra Pratap) धीरेंद्र प्रताप ने राज्य निर्माण आंदोलनकारी डीडी पांडे का उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में योगदान को अविस्मरणीय बताया है । गढ़वाल भवन दिल्ली में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की पांडे एक बहुत ही क्रांतिकारी और उत्साही नौजवान थे उन्होंने बढ़-चढ़कर राज्य निर्माण आंदोलन में जहां भाग लिया वहीं किसानों पिछड़ों गरीबों के संघर्षों में विशेष योगदान किया और लंबी जेल यात्राएं सही और उत्पीड़न भी सहा उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता प्रताप शाही की अध्यक्षता में संपन्न इस बैठक का संचालन उत्तराखंड के विख्यात बुद्धिजीवी डॉक्टर बिहारी लाल जालंधर ने किया जो दिल्ली प्रदेश उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष भी हैं इस गोष्ठी को उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय नेता प्रभात ध्यानी ने भी संबोधित किया और राज्य के स्वरूप को डीडी पांडे के सपनों का अनुरूप बनाए जाने को समय की बड़ी आवश्यकता बताई और राज्य में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए आंदोलनकारी शक्तियों की एकजुट पर बल दिया दिग्गज राज्य आंदोलनकारी देव सिंह रावत पत्रकार उमेश जुगरण दाताराम चमोली सत्येंद्र रावत लोक दल के महामंत्री मनमोहन शाह क्रांति दल के महासचिव शिवचरण मुंडे पी हुकम सिंह कंडारी कन्हैया पसबोला राधा देवी और और स्वर्गीय डीडी पांडे के सुपुत्र अंकुर पांडे ने भी श्रद्धांजलि सभा को संबोधित किया। गोष्ठी में राज्य के वर्तमान स्वरूप और भविष्य के स्वरूप पर लंबी चर्चा भी हुई।

उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने वाले, सामाजिक सरोकारों के लिए संघर्षरत दिवंगत डीडी पांडे के आकस्मिक निधन पर विभिन्न सामाजिक -राजनीतिक-पत्रकार संगठन से जुड़े लोगों ने गढ़वाल भवन दिल्ली में उन्हें नमन करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। गढ़वाल भवन दिल्ली में उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता प्रताप शाही एवं डॉ बिहारी लाल जलंधरी के संचालन मेंआयोजित श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित विभिन्न सामाजिक राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों, राज्य आंदोलनकारीयों ने राज्य निर्माण आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा करते हुए अपने संस्मरण सुनाएं । श्रद्धांजलि देते हुए साथियों ने बताया कि डीडी पांडे अपने छात्र जीवन से ही उत्तराखंड के विभिन्न जन आंदोलनों मैं शामिल हो गये थे जिनमें उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी । दिवंगत साथी डीडी पंत हमेशा उत्तराखंड की सवालों को लेकर विचलित रहते थे। श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित साथियों ने बताया कि दिवंगत होने से पूर्व डीडी पांडे दिल्ली के साथियों के चिह्ननीकरण न होने तथा सरकार द्वारा सम्मान न मिलने को लेकर अनशन करने वाले थे लेकिन उससे पहले ही हार्ट अटैक आने से उनकी असमय मृत्यु हो गई । श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित लोगों ने राज्य की अवधारणा, अस्मिता, स्वाभिमान के लिए संघर्ष करने एवं दिवंगत राज्य आंदोलनकारी के परिजनों के सुख दुःख में खड़े रहने का संकल्प दोहराया।

श्रद्धांजलि सभा में उत्तराखंड सम्मान परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री धीरेंद्र प्रताप, राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी, देव सिंह रावत प्यारा उत्तराखंड, अंकुर पाण्डे,दाता राम चमोली ,सत्येंद्र सिंह रावत, अनिल कुमार पंत, मनमोहन सिंह शाह ,कन्हैया पसनोला ,विनोद रावत, हुकम सिंह कंडारी ,व्योमेश चन्द्र जुगरान ,पूरन सिंह रावत ,शिवचरण मुन्डेपी, प्रेम सजवाड,परम सिंह ,रविंद्र सिंह चौहान, वीरेंद्र सिंह गुंसाई, प्रताप शाही, बिहारी लाल जलंधरी,हरीश आर्य सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। सभी आंदोलनकारी ने अंत मैं 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत डीडी पांडे को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की 57 वर्ष की अल्पायु में दिवंगत पांडे के निधन से सारे आंदोलनकारी बहुत ही दुखी दिखाई दिए आंदोलनकारी का दिन प्रतिदिन जाना और उनकी गरीबी और बदहाली की अवस्था में उनको पेंशन न मिलाना उनके 10 फ़ीसदी आरक्षण के सवाल पर धीमी गति से चल रही प्रक्रिया को लेकर दिल्ली के 400 के करीब आंदोलनकारी के चिन्हीकरण न होने पर आंदोलनकारियों में भारी रोष दिखा। धीरेंद्र प्रताप ने उन्हें विश्वास दिलाया की देहरादून से लेकर दिल्ली तक और धुमाकोट से लेकर धारचूला तक आंदोलनकारी जहां अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं वहीं राज्य की विभूति को लेकर भी उनका संकल्प और सक्रियता कायम है उन्होंने कहा कि उनके राज्य आंदोलनकारी से बातचीत चल रही है और बहुत जल्दी नैनीताल में तमाम राज्य के दिग्गज आंदोलनकारी को बुलाकर राज्य सरकार के सम्मुख राज्य आंदोलनकारी का नया एजेंडा रखा जाएगा

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