राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में पूज्य मोरारी बापू रहे उपस्थित

अयोध्या : जानेमाने आध्यात्मिक गुरु और रामचरितमानस के प्रचारक पूज्य मोरारी बापू सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह(Ram Mandir Pran Pratishtha ceremony) में उपस्थित रहे। संपूर्ण विश्व में रामकथा गायन करने वाले मोरारी बापू इस भव्य एवं ऐतिहासिक प्रसंग में शामिल हुए। यह ऐतिहासिक समारोह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत में महत्वपूर्ण सीमाचिह्नरुप हैं, पवित्र नगरी अयोध्या लंबे समय से प्रतीक्षित सपने के साकार होने का साक्षी बना।

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आज आयोजित कार्यक्रम(Ram Mandir Pran Pratishtha ceremony) में भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इससे पहले रामलला की मूर्ति पर दूध का अभिषेक समेत कई अनुष्ठान किए गए. यह कार्यक्रम 16 जनवरी को शुरू हुआ और दोपहर 12.15 से 12.45 के बीच ‘प्राण प्रतिष्ठा’ हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर से बडी संख्या में संतों, राजनेताओं, फिल्मी हस्तियों, उद्योगपतियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया गया। फिर मूर्ति के सामने एक दर्पण रखा गया और मूर्ति की आँखों पर काजल लगाया गया।

पूज्य मोरारी बापू ने जीवन के 64 वर्ष भगवान राम और रामायण की शिक्षाओं के प्रसार के लिए समर्पित किए हैं और दुनिया भर में 930 रामकथाओं का संचालन किया है। वे इस महत्वपूर्ण शुभ समारोह में सत्य, प्रेम तथा करुणा का संदेश लेकर आए थे। मोरारी बापू ने इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनने पर अत्यंत सुखद और सम्मान की भावना व्यक्त की और भगवान राम के प्रतीक प्रेम, करुणा और धार्मिकता के सार्वभौमिक मूल्यों पर जोर दिया। इससे पहले मोरारी बापू ने कहा था कि, श्री चित्रकूटधाम तलगाजरडा और दुनिया भर में राम कथा श्रोताओं के प्रतिनिधि के रूप में वे राम मंदिर के भव्य उद्घाटन में भाग लेंगे।

मीडिया से बात करते हुए मोरारी बापू ने कहा था कि, आज का कार्यक्रम(Ram Mandir Pran Pratishtha ceremony) एक शुभ शुरुआत है और वे भारत के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना करते हैं, वे इसे दुनिया के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में देखते हैं। उन्होंने इस प्राण प्रतिष्ठा को पूरी दुनिया के लिए ‘त्रेतायुग’ का सूचक बताया। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में रामकथा के समापन के बाद मोरारी बापू रविवार दोपहर अयोध्या पहुंचे थे। वे राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संगठन राम जन्मभूमि न्यास के निमंत्रण पर 24 फरवरी से 3 मार्च 2024 तक अयोध्या में अपनी आगामी रामकथा में “मानस राम मंदिर” शीर्षक पर संवाद करेंगे।

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