फाइनल में बरसे रिकॉर्ड ही रिकॉर्ड, न्यूजीलैंड यहां भी रही साउथ अफ्रीका से आगे
नई दिल्ली। न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका को हराकर महिला टी20 वर्ल्ड कप (women t20 wc) का खिताब अपने नाम कर लिया है। न्यूजीलैंड की टीम पहली बार इस खिताब को जीतने में सफल रही है जबकि साउथ अफ्रीका लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचकर भी खिताब नहीं जीत सकी। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस मैच में जमकर रिकॉर्ड बरसे और दोनों टीमों ने अपने नाम ये रिकॉर्ड लिखवाए।
न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट खोकर 158 रन बनाए थे। साउथ अफ्रीका की टीम 20 ओवरों में नौ विकेट खोकर 126 रन ही बना सकी। न्यूजीलैंड तीसरी बार इस वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी जबकि साउथ अफ्रीका दूसरी बार।
बरसे रिकॉर्ड
न्यूजीलैंड की सुजी बेट्स महिला टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली दुनिया की सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गई हैं। उन्होंने 37 साल 34 दिनों में ये काम किया। दूसरे नंबर पर न्यूजीलैंड की ही सोफ डिवाइन हैं जिन्होंने 35 साल 49 दिनों में ये खिताब जीता।
इस मैच में दोनों टीमों की तरफ से एक भी अर्धशतक नहीं लगा और फिर भी दोनों टीमों ने मिलाकर कुल 284 रन बनाए। महिला टी20 वर्ल्ड कप में एक मैच में बिना अर्धशतक बने बनाए गए कुल रनों के मामले में ये मैच दूसरे नंबर पर है।
न्यूजीलैंड की जीत की हीरो रहीं युवा खिलाड़ी एमेलिया कर। उन्होंने पहले बल्ले से शानदार योगदान दिया और 43 रन बनाए। वह टीम की सर्वोच्च स्कोरर रहीं। फिर उन्होंने तीन विकेट लेकर टीम की जीत में अहम रोल निभाया। महिला वर्ल्ड कप में ये दूसरी बार हुआ है जब किसी खिलाड़ी ने 40 से ज्यादा रन बनाए हों, तीन विकेट लिए हैं और साथ ही एक कैच भी पकड़ा हो। इससे पहले साल 2018 में वेस्टइंडीज की हैली मैथ्यूज ने श्रीलंका के खिलाफ ऐसा किया था।
एमेलिया कर ने इस वर्ल्ड कप में तीन बार एक मैच में तीन या उससे ज्यादा विकेट लिए। वह ऐसा करने वाली सिर्फ तीसरी खिलाड़ी हैं। उनसे पहले महिला टी20 वर्ल्ड कप में सिर्फ ऑस्ट्रेलिया की मेगन शट और इंग्लैंड की सोफी एक्लेस्टन ने ये काम किया था।
साउथ अफ्रीका की ये महिला टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में लगातार दूसरी हार है। उसे पिछले साल भी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने हराया था। इसी के साथ वह तीसरी टीम बन गई है जिसे महिला टी20 वर्ल्ड कप के लगातार दो फाइनल में हार मिली है। न्यूजीलैंड की टीम 2009 और 2010 में लगातार हारी थी। इंग्लैंड की टीम 2012 और 2014 में लगातार फाइनल हारी थी।