उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर आम आदमी पार्टी महानगर, देहरादून की प्रतिक्रिया
Reaction of Aap Uttrakhand on Uttarakhand State Foundation Day
देहरादून: उत्तराखंड अपनी स्थापना के 24 साल पूरे कर रहा है, लेकिन अफसोस की बात है कि इन वर्षों में राज्य ने जिन लक्ष्यों को हासिल करना था, वे आज भी दूर की कौड़ी बने हुए हैं। आम आदमी पार्टी महानगर, देहरादून(aap uttrakhand) यह सवाल उठाती है कि आखिरकार 24 साल बाद भी हमारा उत्तराखंड क्यों पिछड़ा हुआ है और इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में राज्य क्यों विफल रहा है:
1. ग्रामों से पलायन: पहाड़ों के गांव खाली हो रहे हैं। विकास का वादा किया गया था, लेकिन सुविधाओं के अभाव में गांवों से पलायन बढ़ता ही जा रहा है। राज्य सरकार इस समस्या पर कोई ठोस कदम उठाने में विफल रही है।
2. कृषि और बागवानी में विफलता: कृषि और बागवानी, जो राज्य की रीढ़ होनी चाहिए थी, आज बर्बादी के कगार पर हैं। किसानों को ना उचित समर्थन मिला, ना ही उनकी समस्याओं को सुना गया।
3. पर्यावरण की चिंता और विफलता: हिमालयी राज्य होने के बावजूद पर्यावरण सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया। विकास के नाम पर जंगलों की कटाई और नदियों का शोषण हो रहा है। सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी को नजरअंदाज किया है।
4. बेरोजगारी: युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बेहद सीमित हैं। बेरोजगारी की दर बढ़ती जा रही है, लेकिन राज्य सरकार इस दिशा में ठोस समाधान निकालने में असमर्थ रही है।
5. भ्रष्टाचार: राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। हर योजना और परियोजना में भ्रष्टाचार की बू आती है, और जनता का धन बर्बाद हो रहा है।
6. भू-माफिया का कब्ज़ा: भू-माफिया का राज्य में आतंक है। पहाड़ों की जमीन को औने-पौने दामों पर बेचा जा रहा है, और राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
7. औद्योगिक विकास की कमी: उत्तराखंड में औद्योगिक विकास की रफ्तार बहुत धीमी है। निवेशक राज्य में आने से कतराते हैं, जिससे रोजगार के अवसर भी सीमित हो रहे हैं।
8. ऑल वेदर रोड योजना की विफलता: ऑल वेदर रोड जैसी महत्वपूर्ण परियोजना हिमालयी भू-भाग के लिए सही साबित नहीं हो पाई। इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हुआ, बल्कि इस परियोजना की धीमी गति ने यातायात की सुविधा पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं।
9. राज्य की आर्थिक स्थिति: राज्य की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। कर्ज का बोझ बढ़ रहा है, और सरकार के पास विकास योजनाओं को चलाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।
10. शिक्षा प्रणाली और बुनियादी ढांचा: सरकारी शिक्षा प्रणाली और इसका बुनियादी ढांचा पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, और शिक्षकों की कमी ने स्थिति और भी खराब कर दी है।
11. स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं की विफलता: राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहद दयनीय स्थिति में हैं। अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव है, और ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं न के बराबर हैं।
12. पर्यटन और धार्मिक पर्यटन की अनदेखी: उत्तराखंड में पर्यटन, विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं का सही दोहन नहीं हो पाया है। अव्यवस्थित पर्यटन नीति और ढांचे की कमी के चलते पर्यटकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
आम आदमी पार्टी(aap uttrakhand) मांग करती है कि उत्तराखंड सरकार इन मुद्दों पर ध्यान दे और तुरंत प्रभाव से ठोस कदम उठाए। राज्य की जनता अब और इंतजार नहीं कर सकती। सरकार को चाहिए कि वह उत्तराखंड को एक प्रगतिशील, समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए अपनी नीति और रणनीति में सुधार करे।