CBSE: शिक्षकों के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया ने कैपिसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम किया तैयार

देहरादून। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया (ओयूपी) ने केन्द्रीय माध्यमिक (Oxford University Press India) शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के सहयोग से अनुसंधान आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सीबीपी) तैयार किया है जिसका शीर्षक ’थिंक-शेयर-लर्न-प्रैक्टिस’ (टीएसएलपी) है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बुनियादी अवस्था पर राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर फाउंडेशनल स्टेज, एनसीएफ व एफएस के अमल को सुगम करने हेतु शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है।

राष्ट्रीय सरस आजीविका मेला-2023 का सफलतापूर्वक समापन, करोड़ों की बिक्री का रिकॉर्ड

इसका करार राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी सालगिरह पर शिक्षा, कौशल विकास (Oxford University Press India) एवं उद्यमिता मंत्री धमेन्द्र प्रधान की उपस्थिति में जुलाई में किया गया था। उत्तराखण्ड सहित पूरे देश के सीबीएसई मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण सितंबर-अक्टूबर 2023 के दौरान चेन्नई, गुवाहाटी और दिल्ली में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का लक्ष्य 25,000 स्कूलों के फाउंडेशनल टीचरों को सशक्त बनाना था ताकि गतिविधि आधारित शिक्षण परिवेश निर्मित किया जाए और बाल वाटिका 1, 2, 3 तथा ग्रेड एक और दो (3 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए) में अध्यापन-शिक्षा पद्धतियों के बीच के अंतर को दूर किया जा सके।

सीबीएसई की चेयरपर्सन डॉ निधि छिब्बर ने अपने संदेश में कहा, ’’अपने नेटवर्क में 25,000 से भी अधिक स्कूलों के साथ सीबीएसई हमेशा इस हेतु समर्पित रही है कि स्कूलों की अध्यापन-शिक्षा प्रणाली को उन्नत बनाने के तरीके तलाशे जाएं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुमंता दत्ता ने कहा, ’’ऑक्सफोर्ड यूनिर्वसिटी प्रेस के पास डायरेक्ट व ऑनलाइन उच्च गुणवत्ता शिक्षक प्रशिक्षण देने का प्रभावशाली रिकॉर्ड है। इसलिए हम एक विशिष्ट स्थिति में हैं जहां से हम सीबीएसई जैसे प्रतिष्ठित संगठनों को अपनी सेवाएं प्रस्तुत कर सकते हैं।

सीबीएसई के निदेशक-प्रशिक्षण डॉ राम शंकर ने कहा, ’’ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के साथ मिलकर नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर फाउंडेशनल स्टेज (एनसीएफ-एफएस) हेतु क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए गठबंधन एवं सहभागिता की घोषणा करते हुए हम बहुत खुश हैं जो कि बुनियादी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार किया गया है। सीबीपी का फोकस इस पर रहेगा कि शिक्षकों को स्थानीय तौर पर उपलब्ध संसाधनों के जरिए कौशल विकास में मदद दी जाए और पाठ्यक्रम में गतिविधियां शामिल की जाएं और प्रभावी तरीके से उनका अमल हो ताकि उपयुक्त बजट के साथ हर एक कक्षा एक गतिविधि आधारित केन्द्र बन जाए।

जो सीखें इस कार्यक्रम से ली जाएंगी वे हैं पंचकोष विकास और डेवलपमेंट डोमेन की समझ, कक्षा एवं संसाधन प्रबंधन, भाषा विकास, स्थानीय संगीत व किस्सागोई, फोनिक्स व रीडिंग, न्यूमरेसी व ऐप्लीकेशन, पर्यावरण व कौशल निर्माण ये सब विद्यार्थियो के समग्र विकास में मददगार होंगे। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया (ओयूपी) ने केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के सहयोग से अनुसंधान आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सीबीपी) तैयार किया है जिसका शीर्षक ’थिंक-शेयर-लर्न-प्रैक्टिस’ (टीएसएलपी) है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बुनियादी अवस्था पर राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर फाउंडेशनल स्टेज, एनसीएफ व एफएस के अमल को सुगम करने हेतु शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है।

इसका करार राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी सालगिरह पर शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धमेन्द्र प्रधान की उपस्थिति में जुलाई में किया गया था। उत्तराखण्ड सहित पूरे देश के सीबीएसई मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण सितंबर-अक्टूबर 2023 के दौरान चेन्नई, गुवाहाटी और दिल्ली में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का लक्ष्य 25,000 स्कूलों के फाउंडेशनल टीचरों को सशक्त बनाना था ताकि गतिविधि आधारित शिक्षण परिवेश निर्मित किया जाए और बाल वाटिका 1, 2, 3 तथा ग्रेड एक और दो (3 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए) में अध्यापन-शिक्षा पद्धतियों के बीच के अंतर को दूर किया जा सके।

सीबीएसई की चेयरपर्सन डॉ निधि छिब्बर ने अपने संदेश में कहा, ’’अपने नेटवर्क में 25,000 से भी अधिक स्कूलों के साथ सीबीएसई हमेशा इस हेतु समर्पित रही है कि स्कूलों की अध्यापन-शिक्षा प्रणाली को उन्नत बनाने के तरीके तलाशे जाएं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुमंता दत्ता ने कहा, ’’ऑक्सफोर्ड यूनिर्वसिटी प्रेस के पास डायरेक्ट व ऑनलाइन उच्च गुणवत्ता शिक्षक प्रशिक्षण देने का प्रभावशाली रिकॉर्ड है। इसलिए हम एक विशिष्ट स्थिति में हैं जहां से हम सीबीएसई जैसे प्रतिष्ठित संगठनों को अपनी सेवाएं प्रस्तुत कर सकते हैं।

सीबीएसई के निदेशक-प्रशिक्षण डॉ राम शंकर ने कहा, ’’ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के साथ मिलकर नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर फाउंडेशनल स्टेज (एनसीएफ-एफएस) हेतु क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए गठबंधन एवं सहभागिता की घोषणा करते हुए हम बहुत खुश हैं जो कि बुनियादी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार किया गया है। सीबीपी का फोकस इस पर रहेगा कि शिक्षकों को स्थानीय तौर पर उपलब्ध संसाधनों के जरिए कौशल विकास में मदद दी जाए और पाठ्यक्रम में गतिविधियां शामिल की जाएं और प्रभावी तरीके से उनका अमल हो ताकि उपयुक्त बजट के साथ हर एक कक्षा एक गतिविधि आधारित केन्द्र बन जाए।

जो सीखें इस कार्यक्रम से ली जाएंगी वे हैं पंचकोष विकास और डेवलपमेंट डोमेन की समझ, कक्षा एवं संसाधन प्रबंधन, भाषा विकास, स्थानीय संगीत व किस्सागोई, फोनिक्स व रीडिंग, न्यूमरेसी व ऐप्लीकेशन, पर्यावरण व कौशल निर्माण ये सब विद्यार्थियो के समग्र विकास में मददगार होंगे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.