मोरारी बापू की रामकथा का समापन, अब देवभूमि ऋषिकेश में होगी अगली कथा

ऋषिकेश। साधु भूमि काकीडी से कथा रामकथा(Morari Bapu’s Ramkatha) के विराम के दिन कथा आरंभ पर भीगी आंखों और भीगे भाव से मोरारी बापू ने कहा:समग्र आयोजन के लिए रामजी मंदिर के देवता,शिव मंदिर और जिन गांवों में दादा बहुत रुकते थे वही कृपा,वीरपुर बापा जलाराम का आशीर्वाद और इस परिवार का भरत भाई और चिमन भाई वाघेला, उनकी टीम, ग्राम जनता सब ने अपनी ओर से आहुतियां दी है। साथ ही प्रशासन की सेवा, सरकारी तंत्र की सेवा, मीडिया के हर एक माध्यम, छोटे से छोटे आदमी से लेकर पुलिस विभाग सबने जो सेवा की।

मनोरथी परिवार ने मन, वचन कर्म, तन मन और धन से पूरा समर्पण किया। सबको दादा की ओर से धन्यता दादा का पौत्र-मोरारि बापू की ओर से प्रसन्नता, आशीर्वाद और अपना खुशी का भाव बापू ने व्यक्त किया। बापू(Morari Bapu’s Ramkatha) ने बताया कि महाभारत में भीष्म बानशैया पर लेटे हैं, तब कृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा कि ज्ञान का भंडार बंद हो जाए उससे पहले जो पूछना है वह पूछ लो! टपकती रक्त काया के ऊपर गंगा जी ने कृपा की थोड़ी राहत हुई और युधिष्ठिर ने प्रश्न पूछे।। ऐसे कोई प्रश्न नहीं होंगे जो युधिष्ठिर में उसे काल में नहीं पूछे। विश्व के लिये जवाब सांप्रत भी है और भविष्य के लिए भी यह जवाब उपयोगी होंगे।

भिष्म को पूछा गया कि सत्य किसे कहते हैं? भिष्म ने जो कहा वह त्रिभुवन दादा ने वो हमारे कोने से कहा।। तलगाजरडा का वह कोना बहुत पुराना है। उनको पार पाना मेरे लिए मुश्किल है। बापू ने कहा कि एक पुस्तक के लिये मैंने कहा था:भगवान कृष्ण सर्व रीत से पूर्ण है और हम सभी रीतों से अपूर्ण है। हमने महापुरुषों को केवल देखे हैं, हम परख नहीं पाए हैं। बापू(Morari Bapu’s Ramkatha) ने कहा कि पवनार आश्रम में विनोबा जी गीता जी के मराठी में लिखो सूत्र के उद्घाटन के लिए बिरला परिवार, सोमैया दादा, सच्चिदानंद जी डिवाइन लाइफ समिति ने आग्रह किया,वहां में गया था।

विनोबा जी मौन थे। बाद में वह बोले और कुटिया में जब हम गए तो कागज के छोटे टुकड़े पर सत्य प्रेम और करुणा लिखते थे। और फिर बापू ने कहा की दिवाली की गिफ्ट के रूप में अगली साल 2025 की 4 अक्टूबर से 12 अक्टूबर गोपनाथ में राम कथा(Morari Bapu’s Ramkatha) होगी। इसी न्याय से नये साल की पहली,क्रम में 976 वीं रामकथा(Morari Bapu’s Ramkatha) परम पवित्र भागीरथी गंगा के तीर देवभूमि ञषिकेश से 7 नवम्बर से प्रवाहित होगी। ये कथा का जीवंत प्रसारण आस्था टीवी चैनल एवं संगीतनी दुनिया परिवार यु-ट्युब चैनल और चित्रकूट धाम तलगाजरडा यु-ट्युब चेनल के माध्यम से भारत में भारतीय समय पर पहले दिन शाम 4 बजे और बाकी के दिनों में सुबह 10 बजे से नियत और नियमित समय पर होगा।

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