माले: मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (Former minister of Maldives) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि 100 दिन बाद यह स्पष्ट है राष्ट्रपति मुइज्जू के हजारों भारतीय सैन्य कर्मियों के दावे झूठ की एक और कड़ी थे। वर्तमान प्रशासन की अक्षमता विशिष्ट संख्याएं प्रदान करना बहुत कुछ कहता है। देश में कोई भी सशस्त्र विदेशी सैनिक तैनात नहीं हैं।
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मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद (Former minister of Maldives) ने शनिवार को कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्वारा “हजारों भारतीय सैन्य कर्मियों” के बारे में किए गए दावे झूठे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी झूठ की कड़ी में “हजारों भारतीय सैन्य कर्मियों” वाला दावा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि उनके देश में कोई भी सशस्त्र विदेशी सैनिक तैनात नहीं है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के प्रमुख शुमार अब्दुल्ला शाहिद ने लिखा, “मोहम्मद मुइज्जू के बतौर राष्ट्रपति 100 दिन पूरे करने के बाद यह साफ है कि उन्होंने कई झूठ बोले हैं। हजारों भारतीय सैन्यकर्मियों के होने का दावा भी उनके झूठों की सीरीज का एक हिस्सा थे। इस समय प्रशासन की विदेशी सैन्यकर्मियों की संख्या ना बताया जाना, उनके झूठ के बारे में बहुत कुछ कहती है। इस समय देश में कोई भी सशस्त्र विदेशी सैनिक तैनात नहीं हैं। मुइज्जू को ये समझना चाहिए कि पारदर्शिता बहुत मायने रखती है और सच्चाई कायम रहनी चाहिए।”
उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि पारदर्शिता मायने रखती है और सच्चाई सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा, “पारदर्शिता मायने रखती है और सच्चाई सामने आनी चाहिए।”
गौरतलब है कि मालदीव में भारतीय सैनिकों को हटाना मुइज्जू की पार्टी का मुख्य अभियान था। वर्तमान में मालदीव में डोर्नियर 228 समुद्री गश्ती विमान और दो एचएएल ध्रुव हेलीकॉप्टरों के साथ लगभग 70 भारतीय सैनिक तैनात हैं। पदभार संभालने के दूसरे दिन मुइज्जू ने आधिकारिक तौर पर भारत सरकार से मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का अनुरोध किया।
पिछले साल दिसंबर में मुइज्जू ने दावा किया था कि भारत सरकार से बातचीत के बाद भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने पर सहमति बनी है।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए कूटनीतिक बातचीत चल रही है। उन्होंने विस्तार से बताया कि, जैसा कि पिछली वार्ता में सहमति हुई थी, तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक पर सैन्य कर्मियों को 10 मार्च, 2024 से पहले वापस ले लिया जाएगा, और शेष दो प्लेटफार्मों पर सैन्य कर्मियों को 10 मई, 2024 से पहले वापस ले लिया जाएगा।
इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत मालदीव में विमानन प्लेटफार्मों पर सैन्य कर्मियों के स्थान पर सक्षम भारतीय तकनीकी कर्मियों को नियुक्त करेगा ।