ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी ने आईएमए में मासिक धर्म स्वच्छता पर कार्यशाला करी आयोजित

देहरादून: ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी (Humans for Humanity) ने भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में एक कार्यशाला आयोजित करी, जिसमें मासिक धर्म स्वच्छता जागरूकता, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य और आत्म-देखभाल की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। कार्यशाला, जिसमें 300 से अधिक प्रतिभागियों जिनमें जवानों और अधिकारियों की पत्नियाँ शामिल थीं, ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी के वॉश (वोमेन सैनिटेशन हाइजीन) प्रोजेक्ट का हिस्सा थी, जिसने भारत भर में 7 से अधिक राज्यों में 4.5 मिलियन महिलाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।

ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी के साथ आईएमए का सहयोग अकादमी की अपने समुदाय के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ावा देता है, जो सैन्य परिवारों में स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के महत्व को दर्शाता है। कार्यक्रम के दौरान अंतर्दृष्टि साझा करते हुए, ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी के संस्थापक अनुराग चौहान ने कहा, “पुरुषों को भी मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति के बारे में संवेदनशील होना चाहिए, ताकि वे अपने जीवन में महिलाओं के प्रति अधिक समझदार और दयालु बन सकें।”

कार्यशाला में विशेषज्ञों का एक पैनल शामिल था, जिनमें से प्रत्येक ने मासिक धर्म स्वास्थ्य के एक अलग पहलू पर चर्चा की। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा खन्ना, जो कैंसर सर्वाइवर हैं, ने मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के बारे में विस्तार से बात की, बुनियादी बातों को समझाया और स्वच्छता व नियमित स्वास्थ्य जांच के महत्व को रेखांकित किया। उनके बाद, डॉ. यशाना बाहरी ने मासिक धर्म के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के अक्सर अनदेखे विषय पर बात की, जिसके दौरान उन्होंने बताया कि भावनात्मक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य से किस तरह गहराई से जुड़ा हुआ है।

पोषण विशेषज्ञ स्मृति बत्ता ने मासिक धर्म के दौरान संतुलित आहार बनाए रखने के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अपने पोषण सेवन पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया। पैनल का समापन एक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसके दौरान प्रतिभागियों ने आहार से लेकर मानसिक स्वास्थ्य तक हर मुद्दे पर सवाल किए। ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी की राज्य समन्वयक लुबना खन्नाम ने कहा, “मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता केवल झुग्गी-झोपड़ियों और गांवों तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए।

शहरों को भी इसकी उतनी ही जरूरत है जितनी कि पिछड़े इलाकों को।” ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी की सदस्य वेणु ढींगरा ने कहा, “महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को सबसे ऊपर रखना चाहिए। एक खुशहाल परिवार की शुरुआत एक स्वस्थ महिला से होती है।” आईएमए की फर्स्ट लेडी और कमांडेंट की पत्नी पुनीता जैन ने ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी की टीम का विनम्रतापूर्वक स्वागत किया और बाद में उनके उल्लेखनीय प्रयासों के लिए उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कार्यशाला की प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए आईएमए में महिलाओं के जीवन पर इसके प्रभाव की सराहना करी।

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