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ब्रिटेन के बाद अमेरिका की बारी-भारतवंशी कमला हैरिस की संभावित राष्ट्रपति की पारी

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गोंदिया – वैश्विक स्तरपर दुनियां की राजनीति में कब क्या हो जाएगा, कह नहीं सकते इसका सटीक उदाहरण अभी करंट में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के प्रबल उम्मीदवार जो बाइडेन द्वारा रविवार दिनांक 21 जुलाई 2024 को देर रात्रि एक पेज में दिए अपने लिखित इच्छा पत्र से मिल गया व उन्होंने भारतीय मूल की बेटी भारतवंशी व अमेरिका की वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस(possible presidential) को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का सुझाव दिया है।81 वर्षीय जो बाइडेन के राष्ट्रपति चुनाव उम्मीदवार से हटने का सुझाव पूरा राष्ट्रपति बराक ओबामा व अनेकों भी दे चुके थे।

हमने 27 जून 2024 को प्रथम चरण के डिबेट में भी देख कि जो बिडेन बिछड़ते हुए नजर आए थे, फिर अभी डोनाल्ड ट्रंप पर एक सभा में हमला हुआ जिसमें आज 22 जुलाई 2024 को अमेरिकन सुरक्षा एजेंसी ने जिम्मेदारी लेते हुए सुरक्षा चूक बताया है। एक तरफ से देखा जाए तो चुनावी रण, ट्रंप के पाले में बदलता हुआ दिखाई दे रहा था। हमने देखे कि तीन मूल भारतीय राष्ट्रपति के उम्मीदवार थे जिसमें निक्की हेलेन भी शामिल थी,तीनों जो रस से बाहर हो गए थे उन्होंने भी ट्रंप के समर्थन में विचार दिए हैं कुल मिलाकर जो बाइडेन के उम्मीदवारी से हटने पर अब भारत की बेटी कमला हैरिस(possible presidential) का नाम आगे आ रहा है , हालांकि अन्य दो उम्मीदवार भी हैं,इसलिए 19-22 अगस्त 2024 को शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में नाम फिक्स होगा।

हालांकि जो बाइडेन ने कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ा दिया है, परंतु चूंकि भारत को एहसास हो रहा है कि विश्व में भारतवंशियों द्वारा राज करने के दिशा में आगे चल पड़ा है, वह ब्रिटेन के बाद अब अमेरिका की भारतवंशी कमला हैरिस की संभावित उपराष्ट्रपति बनने की परी इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत के लिए फायदेमंद भारत की बेटी, कमला हैरिस या फिर डोनाल्ड ट्रंप एक्सपर्ट्स द्वारा प्रयास लगना शुरू। साथियों बात अगर हम जो बाइडेन द्वारा उम्मीदवारी से अपना नाम वापस लेकर कमला हैरिस के नाम को आगे बढ़ाने की करें तो,अमेरिकी राजनीति में रविवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सभी को चौंकाते हुए राष्ट्रपति चुनाव की रेस से हटने का ऐलान कर दिया।डोनाल्ड ट्रंप के साथ जून में हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद से उन पर लगातारउम्मीदवारी वापस लेने का दबाव बन रहा था। ऐसे में उनके अचानक से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से पीछे हटने और कमला हैरिस को समर्थन देने के फैसले से सभी हैरान हैंअमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ न लड़ने का ऐलान किया है। बाइडन ने डेमोक्रेट पार्टी से उम्मीदवारी के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम का समर्थन किया है। हालांकि अंतिम निर्णय 19-22 अगस्त को शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में लियाजाएगा।

कमला हैरिस(possible presidential) की जड़ें भारत से जुड़ी हैं। लेकिन फिर भी डेमोक्रेटिक पार्टी के एक और कार्यकाल के लिए भारत में कम उत्सुकता देखने को मिलती है। जो बाइडन के कार्यकाल में रक्षा समेत उभरती हुई टेक्नोलॉजी में भारत-अमेरिका व्यापक रणनीतिक वैश्विक साझेदारी काफी आगे बढ़ी है। लेकिन बाइडन प्रशासन की मानवाधिकार के मुद्दों पर दबाव बनाने की रणनीति द्विपक्षीय संबंधों की सतह पर घर्षण का कारण रहा है। 21 जुलाई, भारतीय समयानुसार रात करीब 11 बजे जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से हाथ खींच लेते हैं।

उन्होंने 28 जून की प्रेसिडेंशियल डिबेट हारने के करीब एक महीने बाद ये फैसला लिया। पार्टी लगातार बाइडेन पर दावेदारी वापस लेने के लिए दबाव बना रही थी।अब अपना नाम वापस लेते हुए बाइडेन ने उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के तौर पर चुना है। हालांकि, अभी कमला के नाम पर पार्टी की मुहर लगनी बाकी है।कमला उम्र में बाइडेन से 22 साल छोटी हैं। विपक्ष के हमलों का जवाब देने में माहिर हैं, ब्लैक वोटर्स से लेकर महिलाओं तक में उनकी पैठ है।स्टोरी में वो 4 वजहें जो उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए बेस्ट उम्मीदवार बनाती हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। चुनाव से 4 महीने पहले रविवार को उन्होंने चिट्ठी लिखकर इस बात का ऐलान किया। बाइडेन ने कहा, मैं देश और पार्टी हित के लिए चुनाव से बाहर हो रहा हूं। बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की रेस से हटने के साथ डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के तौर पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ाया भारतवंशी कमला ने भी बाइडेन के समर्थन को स्वीकार करते हुए कहा है कि वे राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी जीतने के लिए तैयार हैं।

साथियों बात अगर हम उपराष्ट्रपति अमेरिकी राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवार भारतवंशी कमला हैरिस के जीवन की व्याख्या, उपलब्धियां व गणों की करें तो अब अपना नाम वापस लेते हुए बाइडेन ने उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के तौर पर चुना है हालांकि अभी कमला के नाम पर पार्टी की मुहर लगनी बाकी है।कमला उम्र में बाइडेन से 22 साल छोटी हैं। विपक्ष के हमलों का जवाब देने में माहिर हैं, ब्लैक वोटर्स से लेकर महिलाओं तक में उनकी पैठ है।

स्टोरी में वो 4 वजहें जो उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए बेस्ट उम्मीदवार बनाती हैं।युवा नेतृत्व से लेकरअंतर्राष्ट्रीय मामलों में महाराथ, ट्रम्प के खिलाफ इन वजहों से बेहतर हैरिस

(1) युवा नेतृत्व: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से करीब 20 साल छोटी हैं। अगर वह अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाई जाती हैं तो पार्टी के अंदर वह एक नई पीढ़ी का नेतृत्व करेंगी।इस तरह अमेरिकी युवाओं में बाइडेन की वजह से जो आकर्षण कम हुआ था, वो लोग हैरिस के नाम पर फिर से डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ेंगे। बीते दिनों में युवाओं के बीच बंदूक, हिंसा, गर्भपात जैसे मुद्दों पर बोलकर हैरिस खूब लोकप्रिय हुई हैं।भारतीय मूल की कमला हैरिस फिलहाल 59 साल की हैं। वे न सिर्फ बाइडेन, बल्कि उम्र में ट्रम्प से भी उम्र में छोटी हैं। दोनों की उम्र में 19 साल का अंतर है। ऐसे में वो ट्रम्प को ज्यादा मजबूती से टक्कर दे पाएंगी।

(2)अंतराष्ट्रीय मामलों को हल करने का एक्सपीरियंस : अमेरिका की राजनीति में देश और विदेश दोनों मामले बेहद अहम होते हैं। कमला हैरिस जो बाइडेन के बाद पार्टी के दूसरे सबसे अनुभवी नेताओं मे से एक हैं। अमेरिका की बड़ी आबादी को लगता है कि वह अंतराष्ट्रीय मामलों में मजबूती से अपनी जिम्मेदारी निभा सकती हैं।इजराइल या यूक्रेन को लेकर कमला का रुख बाइडेन से ज्यादा स्पष्ट रहा है। वह यहूदी देश इजराइल की कट्टर समर्थक हैं। इंटरनेशनल इश्यू पर स्पष्ट सोच रखने की वजह से वह इजराइल के कट्टर समर्थक अमेरिकी लोगों का वोट अपनी ओर कर सकती हैं

(3)ट्रम्प को उन्हीं के अंदाज में जवाब मिलेगा: अमेरिका में चुनावी बिगुल बजने के बाद से डोनाल्ड ट्रम्प लगातर डेमोक्रेटिक पार्टी के विरोध में बयान दे रहे हैं, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी में सिवाय कमला को छोड़कर ट्रम्प के आरोपों पर कोई नेता साफगोई से नहीं बोल पाता है।18 जुलाई को उत्तरी कैरोलिना में एक जनसभा के दौरान कमला हैरिस ने ट्रम्प के एजेंडे पर एक-एक कर जोरदार हमला किया। इसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स में ये चर्चा तेज हो गई कि डेमोक्रेटिक पार्टी में कमला हैरिस एकलौती ऐसी नेता हैं, जो ट्रम्प को उन्हीं के अंदाज में जवाब दे सकती हैं। कमला को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने पर डेमोक्रेटिक पार्टी को इसका भी लाभ मिल सकता है।

(4)बाइडेन की पर्सनालिटी के बजाय ट्रम्प के खिलाफ कैंपेन शुरू होगा: अब तक के चुनाव प्रचार में डोनाल्ड ट्रम्प सीधे जो बाइडेन की पर्सनालिटी को लेकर सवाल करते रहे हैं। वे बाइडेन की उम्र, याद रखने की शक्ति, लड़खड़ाते हुए चलने पर डेमोक्रेट नेता भी बाइडन को लेकर पार्टी में जनमत की मांग कर रहे हैं।ऐसे में अगर कमला राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाई जाती हैं तो डेमोक्रेट पार्टी की पूरी ताकत ट्रम्प के खिलाफ चुनावी कैंपेन में लगेगा। इससे फिलहाल ट्रम्प की ओर जा रहा एकतरफा लड़ाई दिलचस्प होगी।

साथियों बात अगर हम जो बाइडेन के उम्मीदवारी से हटने पर अन्य दो उम्मीदवारों की करें तो बाइडन के हटने के बाद डेमोक्रेट्स में आगे क्या होगा?जो बाइडन ने भले ही दोबारा राष्ट्रपति चुनाव न लड़ने का एलान कर दिया है लेकिन अभी भी वह डेमोक्रेट्स के आधिकारिक उम्मीदवार नहीं थे। डेमोक्रेट्स 19 से 22 अगस्त तक शिकागो में अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का औपचारिक रूप से चयन करने के लिए जुटेंगे। प्राइमरी चुनाव में जीत के बाद बाइडन का उम्मीदवार बनना लगभग तय था। डेमोक्रेटिक राष्ट्रीय समिति ने सम्मेलन से पहले इलेक्ट्रॉनिक रोल कॉल के जरिए बाइडन को वर्चुअल रूप से उम्मीदवार चुनने की योजना बनाई थी। हालांकि, नई योजनाएं अभी तक जारी नहीं की गई हैं।

बाइडन की जगह कौन ले सकता है?बाइडन की दावेदारी छोड़ने के बाद डेम्रोक्रेट्स में नए चेहरे को लेकर कश्मकश शुरू होना लाजमी है। कुछ संभावित चेहरों पर गौर करें तो उनमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस(possible presidential) सबसे प्रमुख मानी जा रही हैं जिनका समर्थन खुद राष्ट्रपति बाइडन ने भी किया है। वह पहली महिला अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैं। यदि कमला को पार्टी आधिकारिक तौर पर अपना चेहरा बनाती है और वह नवंबर में ट्रंप को हरा देती हैं तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी। बाइडन के कुछ समय बाद ही बिल क्लिंटन और हिलेरी क्लिंटन ने भी शीर्ष पद के लिए हैरिस का समर्थन किया इलिनोइस राज्य के 59 वर्षीय गवर्नर जेबी प्रित्जकर संभावित रूप से सबसे अहम लोगों में से एक हैं।

उन्होंने इलिनोइस में गर्भपात केअधिकार को संहिताबद्ध किया है जो अमेरिकी चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। प्रित्जकर ने बंदूक नियंत्रण पर भी मजबूत कदम उठाए हैं।तीसरा बड़ा चेहरा ग्रेचेन मिशिगन की 52 वर्षीय गवर्नर व्हिटमर हैं। वह 2020 में बाइडन के लिए उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में थीं। ग्रेचेन सख्त बंदूक कानूनों, गर्भपात प्रतिबंधों को हटाने के समर्थन में रही हैं। साथियों बात अगर हम राष्ट्रपति पद की चुनावी उम्मदवारी से पीछे हटने के अमेरिकी इतिहास की करें तो ऐसा पहले 1952 में 1968 में कुल मिलकर दो बार हुआ है अब जो बाइडेन का यह तीसरा क्रमांक था अमेरिका में पिछले 75 वर्षों में केवल दो ही राष्ट्रपति हुए थे जिन्होंने चुनावी साल में दोबारा चुनाव न लड़ने का फैसला किया था।

ये राष्ट्रपति थे हैरी एस. ट्रूमैन और लिंडन बी. जॉनसन और दिलचस्प है कि ये दोनों डेमोक्रेट थे। ट्रूमैन और जॉनसन ने यह एलान करके पूरे अमेरिका को हैरान कर दिया था कि वे अपनी पार्टी में नए उम्मीदवारों को मौका देंगे।दोनों ही मामलों में उम्मीदवारी संभालने वाले नए डेमोक्रेट नेताओं एडले स्टीवेंसन और ह्यूबर्ट हम्फ्री को रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। स्टीवेंसन उस समय इलिनोइस राज्य के गवर्नर थे जबकि हम्फ्री उपराष्ट्रपति की कुर्सी पर थे। साथियों बात अगर हम भारत के लिए फायदेमंद भारत की बेटी या डोनाल्ड ट्रंप की करें तो बाइडन से अलग नहीं होगी नीतिअमेरिकी मीडिया के मुताबिक सितंबर 2021 में वॉशिंगटन में अपनी संक्षिप्त मीटिंग के दौरान मानवाधिकार के सवाल पर हैरिस ने मोदी पर दबाव डाला था।

थिंक टैंक प्रमुख ने कहा कि भले ही कमला हैरिस(possible presidential) की जड़ें भारत से जुड़ी हों। लेकिन भारत को यह विश्वास है कि कई मुद्दों पर वह बाइडन से बहुत अलग नहीं होंगी। ऐसे मुद्दे जिन्हें भारत घरेलू मामलों में हस्तक्षेप समझता है। उदाहरण के तौर पर लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी विदेश विभाग ने टिप्पणी की थी, जिस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

इसके अलावा बाइडन प्रशासन लगातार मोदी सरकार पर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाता रहा है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरी विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ब्रिटेन के बाद अमेरिका की बारी-भारतवंशी कमला हैरिस की संभावित राष्ट्रपति की पारी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर 2024- जो बाइडेन ने भारतवंशी कमला हैरिस का नाम आगे किया अंतिम निर्णय 19-22 अगस्त 2024 को शिकागो में होगा।भारत के लिए फायदेमंद भारत की बेटी कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप? एक्सपर्ट्स द्वारा प्रयास लगना शुरू।

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संकलनकर्ता लेखक

कर विशेषज्ञ स्तंभकार पत्रकार साहित्यकार कानूनी लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया 

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