नई दिल्ली। यूक्रेन युद्ध में फंसे रूस पर पश्चिमी देश अब नया प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। जी7 देशों ने रूस से सोने के आयात पर रोक लगाने पर चर्चा की है। जो रूस के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। पर यह भारत के लिए एक बड़ा मौका बन सकता है। यदि जी7 देश व यूरोप रूस से सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाते हैं तो काफी हद तक संभव है कि रूस पेट्रोलियम की तरह भारत को सस्ता सोना (gold rate in india) खरीद की पेशकश कर सकता है। इससे देश में सोने के दामों (gold rate in india) में भी कमी आ सकती है। साथ ही सोने के आयात पर खर्च होने वाली भारत की विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। भारत पहले ही रूस से 30 फीसदी सस्ती दरों पर कच्चा तेल आयात कर रहा है। महज दो महीने में ही रूस से तेल खरीद 50 गुना बढ़ गई है। ऐसे में संभव है कि रूस अपने सोने के निर्यात के लिए भी भारत को कम कीमत पर पेशकश कर सकता है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को कहा कि जी-7 के सदस्य देश रूस से सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करने जा रहे हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद लगाए जा रहे प्रतिबंधों की कड़ी में यह नई पाबंदी होगी। दुनिया के सात प्रमुख विकसित देशों के संगठन जी-7 की जर्मनी में म्यूनिख के पास एलमौ में शिखर बैठक होने वाली है। इसी बैठक में रूस से सोने के आयात पर पाबंदी लगाने की औपचारिक घोषणा की जाएगी। अनुमान है कि मंगलवार को जी-7 देश इस बारे में अंतिम फैसला लेंगे। हालांकि रूस पर सोने के निर्यात पर प्रतिबंध लगने से जुड़ी खबर सामने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार (gold rate in international market) में सोने के भाव में करीब दो फीसदी का इजाफा हो गया। यदि प्रतिबंध का फैसला लागू हुआ तो सोने के दामों में ज्यादा तेजी आ सकती है।
ईंधन के बाद सोना रूस का दूसरा बड़ा निर्यात है। ऐसी स्थिति में रूस से सोने का आयात प्रतिबंधित किए जाने से रूस के लिए वैश्विक बाजारों में शिरकत कर पाना मुश्किल हो जाएगा। इस बीच बाइडन ने भी अपने ट्विटर संदेश में कहा कि रूस अपने सोने की बिक्री से अरबों डॉलर कमाता है। इस पर प्रतिबंध लगाने से उसे बड़ा आर्थिक नुकसान होगा
