हर्षोउल्लास से मनाया श्री गुरु नानक देव जी का 554 वां प्रकाश पर्व
देहरादून: दून वासियों ने श्री गुरु नानक देव जी का 554 वां प्रकाश पर्व हर्षोउल्लास (Sri Guru Nanak Dev Ji) से उत्सव पूर्वक मनाया। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार के तत्वावधान में हुए पावन प्रकाश पर्व में गुरुद्वारा रेसकोर्स के खुले पंडाल में हजारों श्रद्धालु एक साथ शामिल हुए। सभी ने पूरी श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक कथा-कीर्तन में हिस्सा लिया व गुरु महाराज की शान में मत्था टेका।
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प्रात: नितनेम, शबद चौकी व अरदास के पश्चात भाई सुखजीत सिंह, हजुरी रागी (Sri Guru Nanak Dev Ji) दरबार साहिब श्री अमृतसर वालों ने आसा दी वार का शबद सतगुरु नानक प्रगटिया मिटी धुंध जग चानन होआ..का गायन कर संगत को निहाल किया। विशेष रूप से पधारे भाई गुरदेव सिंह वेरका हजुरी रागी दरबार साहिब श्री अमृतसर वालों ने शबद इक बाबा अकाल रूप दूजा रबाबी मरदाना..का गायन किया।
हजुरी रागी गुरदियाल सिंह ने शबद प्रगट भई सगले जुग अंतर गुरु नानक की बढ़ाई.., हजुरी रागी भाई चरणजीत सिंह ने शबद गुरु पूरा मिलावे मेरा प्रीतम, हउ वार वार आपने गुरु कउ जासा..का गायन कर संगत को निहाल किया। दून वेल स्कूल रेसकोर्स, दून इंटरनेशनल स्कूल, गुरु नानक ऐकडमी, दून केम्ब्रिज स्कूल, शिवालिक इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने श्री गुरु नानक देव जी की महिमा का व्यख्यान कीर्तन से किया।
गुरुसिख एजुकेशन सोसायटी रेसकोर्स ने बोर्ड परीक्षाओं में 90 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सरोपा, स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र आदि देकर सम्मानित किया। हेडग्रंथी भाई शमशेर सिंह ने श्री गुरु नानक देव जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सिख धर्म की स्थापना के साथ उन्होंने अपने जीवन में अनेक धार्मिक स्थानों पर पहुंचकर प्रभु की सच्ची भक्ति में लीन होने का संदेश दिया। जात-पात के भेदभाव को खत्म करते हुए धर्म की कीरत करने, नाम जपो वंड छको का उपदेश दिया।