वन्यजीव तस्करी रोकने को साथ आए भारत समेत 5 देश

अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करों (Wildlife trafficking) पर कार्रवाई के लिए भारत सहित पांच देश एक साथ आए हैं। आपराधिक खुफिया जानकारी साझा करके और उनके वित्तीय नेटवर्क को तोड़ने समेत कई मुद्दों पर इंटरपोल चैनलों के इस्तेमाल कर संयुक्त कार्रवाई की भारत, बांग्लादेश, थाईलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया की योजना बनाई है।

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सीबीआइ और इंटरपोल की बैठक में हुई चर्चा

विदेशी प्रजातियों की तस्करी (Wildlife trafficking) को रोकने के लिए आयोजित सीबीआइ और इंटरपोल की दो दिवसीय बैठक के दौरान वन्य जीवों के तस्करों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तौर-तरीकों पर विचार विमर्श किया गया। अधिकारियों ने कहा कि हमें पता चला है कि अफ्रीका से दक्षिण पूर्व एशिया और फिर भारत और चीन तक विदेशी वन्यजीवों की तस्करी के लिए हवाई कार्गों का तस्कर इस्तेमाल करते हैं।

इस तरह की जाती है तस्करी

मलेशिया और इंडोनेशिया से थाईलैंड और म्यांमार के साथ भूमि सीमाओं के माध्यम से चीन तक, मलेशिया से सांप, कछुए और इगुआना जैसे सरीसृपों को थाईलैंड और फिर भारत ले जाया जाता है। उन्होंने कहा कि म्यांमार के साथ भूमि सीमाओं का इस्तेमाल करके थाईलैंड से भारत तक ये खेल चलता है।

अधिकारियों ने कहा कि 2022 में कई एजेंसियों द्वारा भारत में हूलाक गिब्बन, विदेशी कछुए, छिपकली, ऊदबिलाव, मूर मैकक्वेस, बौना नेवला, पिग्मी मार्मोसेट, डस्की लीफ बंदर और बाल अजगर समेत 50 से अधिक जब्ती की गईं।

एयरपो‌र्ट्स पर बढ़ाई गई तस्करी

बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और राजस्व खुफिया निदेशालय के अलावा सीबीआइ के अधिकारी भी शामिल थे। इस दौरान चर्चा में अधिकारियों ने कहा कि एयरपो‌र्ट्स पर लगातार निगरानी के चलते भारत में विदेशी वन्यजीवों की तस्करी को रोका गया है।

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