टिहरी गढ़वाल। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय (Sridev Suman University) के मुख्यालय, बादशाहीथौल में विश्व पर्यावरण दिवस 2022 हर्षोल्लास से मनाया गया। विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा मुख्यालय परिसर में फलदार व औषधीय पौधों का रोपण किया गया और रोपित पौधो की देखभाल करने का संकल्प लिया गया। वृक्षारोपण करते समय कुलपति डा0 ध्यानी ने कहा कि उन्हे बहुत ही सन्तोष मिलता है जब उन्हे याद आता है कि उन्होने अपने जीवन में बद्रीवन की पुर्नस्थापना और नन्दावन व कालिकावन की स्थापना करने लिये हजारों पेड़ों को स्वंय लगाया था। वृक्ष लगाकार उन्हे आत्मसंतुष्टि मिलती है और प्रकृति के सुनहरे रूपों को निखारने से उनकी उत्पादकता दिन प्रतिदिन बढ़ती है।
यहाँ क्लिक करे : यमुनोत्री हाईवे पर बड़ा हादसा, खाई में गिरी यात्रियों से भरी बस, 16 की मौत…
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर Sridev Suman University के कुलपति डा0 ध्यानी ने विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ’केवल एक पृथ्वी’ के बारे में प्रतिभागीयों को विस्तृत रूप से अवगत कराया। उन्होने कहा कि ब्रहमाण्ड में अरबों आकाशगंगायें हैं और आकाशगंगाओं में अरबों ग्रह है, लेकिन केवल पृथ्वी ग्रह ही ऐसा है जिसमें जीवन पाया जाता है। इस अद्धितीय और सुन्दर ग्रह का संरक्षण और सर्वधन करना विश्व के प्रत्येक मनुष्य का दायित्व है। आज का दिन आम लोगों में पर्यावरणीय जागरूकता फैलाने का है और अपने को पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित करने का है। डा0 ध्यानी ने कहा कि पृथ्वी, जो सौरमण्डल का एक ग्रह है, जिसमें 71 प्रतिशत भाग जल तथा 29 प्रतिशत भाग भूमि से ढका हुआ है। इस ग्रह की उत्पत्ति लगभग 4.54 अरब साल पहले हुयी और इसमें जीवन का आरम्भ लगभग 4.1 अरब वर्ष पहले हुआ।
यहाँ क्लिक करे : हरदा ने किया इस अखबार की कटिंग के लिए तीन लाख रुपए के इनाम का ऐलान…
डा0 ध्यानी ने कहा कि आज कई कारणों से जलवायु तीव्र गति से गर्म हो रही है, प्रदूषण से हवा, पानी और जमीन प्रदूर्षित हो रही है, जिस कारण 10 लाख से ज्यादा प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। पृथ्वी में जीवन है और आज प्रकृति आपातकालीन मोड में है। सन 1973 से हम विश्व पर्यावरण दिवस मना रहे हैं, पिछले 50 वर्षो में विश्व में कई वैश्विक समझौते हुए, कई कार्य हुए और कई प्रयास हुए लेकिन पृथ्वी उतनी स्वच्छ और संरक्षित नही हुई जितनी कोविड 19 के दौरान लाकडाउन पीरिएड में हुई। इससे सबक सीखते हुए, यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेम्बली को स्वतः संज्ञान लेते हुए ’इन्टरनेशनल लाकडाउन डे’ घोषित कर एक तिथि निर्धारित करनी चाहिए। यह कदम विश्व पर्यावरण को संरक्षित करने के लिये मील का पत्थर साबित होगा।
यहाँ क्लिक करे : उत्तराखंड में यहां नदी में नहाते समय डूबे दो बच्चे, परिवार में मचा कोहराम…
कुलपति डा0 ध्यानी ने यह भी कहा कि विश्व पर्यावरण को संरक्षित करने के लिये हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं और समाज को समावेशी, निष्पक्ष और प्रकृति के साथ अधिक जुड़ाव के लिय बदल दें। हमें पृथ्वी ग्रह को नुकसान से हटकर उसे ठीक करने की ओर बढ़ना चाहिए। इसके लिये वैश्विक स्तर पर सामुहिक और परिवर्तनकारी कार्यवाहियां करनी चाहिए। यदि ऐसा नही हुआ तो एक न एक दिन पृथ्वी से मानव जीवन का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा। विश्व पर्यावरण दिवस आयोजन के अवसर पर विश्वविद्यालय में कुलसचिव खेमराज भट्ट, सहायक परीक्षा नियंत्रक डा0 बी0एल0आर्य, डा0 हेमन्त बिष्ट, सहायक कुलसचिव हेमराज चौहान, प्र0 निजी सचिव, कुलपति कुलदीप सिंह नेगी, रविन्द्र, कुलदीप सिंह, राहुल, विनोद, जगवीर सिंह, दीपक, महेष, उपेन्द्र, विनोद प्रसाद आदि उपस्थित रहे। विश्व पर्यावरण दिवस का सफल आयोजन डा0 हेमन्त बिष्ट द्वारा किया गया।