देहरादूनः उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बुधवार अपराह्न मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की अध्यक्षता में हुई बैठक में चौदह विभिन्न विषयों पर निर्णय लिए गए। कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मीडिया को देते हुए बताया कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के एक्स-रे टैक्नीशियन संवर्ग और नियोजन विभाग में राज्य में नीति नियोजन से सम्बन्धित संस्थान ‘स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इम्पावरिंग एण्ड ट्रांसफॉरमिंग उत्तराखंड’ (सेतु) के संगठनात्मक ढाचें में किए गए आंशिक संशोधनों के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया स्वीकृति दी गई है।
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उन्होंने बताया कि एक्स-रे टैक्नीशियन संवर्ग के भारतीय लोक (Pushkar Singh Dhami) स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) अनुसार, विद्यमान ढांचे में कुल 161 पद स्वीकृत हैं। किन्तु संवर्ग में पदोन्नति का कोई पद सोपान उपलब्ध न होने के द्दष्टिगत विभागीय कार्यदक्षता बढ़ाए जाने एवं कार्मिकों को पदोन्नति के अवसर प्रदान किए जाने के उद्देश्य से वर्तमान स्वीकृत 161 पदों को तीन पद सोपान में वर्गीकृत कर पुनर्गठित किया गया है। कैबिनेट ने कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों को गणवेश प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है।
इससे सभी विद्यार्थियों की वेशभूषा एक समान होगी। इसके लिए नव-प्रशिक्षणार्थियों को आगामी शैक्षिक सत्र-2024 से वित्तीय सहायता डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जाएगी। रतूड़ी ने बताया कि कैबिनेट ने वन विभाग की ओर से जनपद अल्मोड़ा में योगदा आश्रम सोसाईटी ऑफ इण्डिया, द्वाराहाट को अतिरिक्त 3.00 हैक्टेयर भूमि को 30 वर्षों की लीज पर दिए जाने का निर्णय लिया है। इस सोसाइटी के अन्तर्गत, श्री श्री महावतार बाबाजी की गुफा द्वाराहाट शहर से लगभग 25 किमी. की दूरी पर स्थित है, जो पूरे विश्व में योगियों और तीर्थयात्रियों के लिए ऐतिहासिक तथा अध्यात्मिक स्थान है।
यहां राष्ट्रीय तथा अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के तीर्थयात्री आते है। अब कैबिनेट के निर्णय पर एक औपचारिक प्रस्ताव, भारत सरकार को प्रेषित किए जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव ने बताया कि नियोजन विभाग के अंतर्गत, अनुभाग-2 सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित कार्यों के सम्पादन हेतु भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्रों के चार उपक्रमों आईटीआई लि, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लि, मिलेनियम टेलीकॉम लि. और टेली कम्युनिकेशन कंसल्टेंट इंडिया लि को कार्यदायी संस्था के रूप में सूचीबद्ध किए जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया।
आयुष एवं आयुष शिक्षा विभागान्तर्गत, राज्य में संचालित आठ उच्चीकृत राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में पदों का सृजन किए जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है, जिनमें विभागीय आवश्यकतानुसार, जनहित में विभिन्न संवर्गों के महत्वपूर्ण कुल 82 पदों का सृजन किया जाना प्रस्तावित है। कैबिनेट ने न्याय विभाग के तहत, उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा सिविल रिट पिटीशन सं. 643/2015 ऑल इंडिया जजेस एसोसिएशन बनाम भारत संघ एवं अन्य में पारित आदेश चार जनवरी 2024 के अनुपालन में राज्य के समस्त न्यायिक अधिकारियों को पुनरीक्षित भत्ते एवं अन्य सुविधाएं अनुमन्य किए जाने हेतु भी निर्णय कर लिया।
रतूड़ी ने बताया कि कैबिनेट ने निर्णय लिया कि राज्य में हवाई सेवा सम्पर्क की बाधाओं को दूर करने एवं इस क्षेत्र की क्षमता को बढ़ाने के लिए उत्तराखंड नागरिक विकास प्राधिकरण के माध्यम से कार्य करते हुये उत्तराखंड हवाई सम्पर्क योजना 2024 को विकसित किया जाय। ताकि चयनित एयर संचालकों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए उत्तराखंड के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को विस्तृत करने, निर्बाध यात्रा एवं क्षेत्र की समग्र कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने हेतु एयर संचालकों को राज्य के घरेलू एवं अन्तरराष्ट्रीय सम्पर्क को विस्तारित किए जाने के उद्देश्य से प्रोत्साहित किया जाएगा।
कैबिनेट ने गृह अनुभाग-5 के अन्तर्गत, उत्तराखंड समान नागरिक संहिता ‘विशेषज्ञ समिति’ की गोपनीय रिपोर्ट के प्रकाशन को नियमित क्रय प्रक्रिया (जैम) से छूट प्रदान करने का निश्चय किया है। इसी अनुभाग में, उत्तराखंड प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण (संशोधन) नियमावली, 2024 के संबंध में भी निर्णय कर दिया। वर्ष 2020 से इसके अन्तर्गत, अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के लिए ऑनलाईन प्रक्रिया चालू की गई। वर्ष 2020 से पूर्व के कतिपय आवेदनकर्ताओं द्वारा शासन से कतिपय विन्दुओं पर पृच्छा की जा रही थी।
जनसामान्य की कठिनाईयों को दूर करने के लिए उत्तराखंड प्राईवेट सुरक्षा अभिकरण नियमावली, 2022 में संशोधन की आवश्यकता पड़ी। उक्त नियमावली में अनेक संशोधन प्रस्तावित किए जाने है। मुख्य सचिव ने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार के सेवारत कार्मिकों एवं उनके आश्रितों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों के भुगतान के संबंध में अंशदान आधारित योजना राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना प्रभावी है, जिसके द्वारा राज्य में पूर्व लागू चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबंधी स्थापित व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया था। राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना राजकीय कार्मिकों एवं पेंषनरों दोनो पर अनिवार्य थी।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेषों के अनुपालन में इसे पेंशनरों और उनके आश्रितों हेतु वैकल्पिक किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना से ओपीटी आउट हो चुके राजकीय पेंषनरों के चिकित्सा उपचार पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु कोई वर्तमान में व्यवस्था संचालित नहीं है, इसलिए उनकी और आश्रितों के चिकित्सा उपचार पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति के प्रयोजन हेतु पूर्व में शासनादेष संख्या 679 चार सितंबर 2006 में प्राविधानित व्यवस्था को इस सीमा तक पुनर्जीवित करने का निर्णय किया गया है।
कैबिनेट ने राज्य सरकार के ‘द्दष्टि पत्र 25 संकल्प 2022′ के बिंदु सं.-02 उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत, पूर्व से संचालित ‘मुख्यमंत्री मेधावी छात्र पुरस्कार योजना’ से सम्बन्धित शासनादेश 15 दिसंबर 2020 में आंशिक संशोधन करते हुये देश के शीर्ष 50 एनआईआरएफ विश्वविद्यालयों में स्नातक डिग्री प्राप्त करने के लिए प्रवेश पाने वाले उत्तराखंड राज्य के अधिकतम 100 छात्र-छात्रओं को पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के सफल समापन पर 50,000/- की प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है। उक्त शासनादेश में निहित प्रतिबन्ध एवं अन्य शर्तें यथावत् रहेंगी।
मुख्य सचिव ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि जनपद ऊधमसिंहनगर स्थित पन्तनगर हवाई पट्टी के रनवे की लम्बाई को 1372 मीटर से 3000 मीटर तक विस्तारित किए जाने हेतु 804.0162 एकड़ अर्थात 325.5126 है. भूमि की आवश्यकता के दृष्टिगत भूमि का अधिग्रहण करते हुए नागरिक उड्डयन विभाग के नाम हस्तान्तरित किए जाने की पूर्व में कैबिनेट द्वारा दी अनुमति के क्रम में विस्तारीकरण के लिए अधिग्रहित भूमि में से ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा एनएच-109 (पुराना एनएच-87) के लगभग सात किमी. लम्बाई का पुन: संरेखण एवं निर्माण करना होगा,
जिस हेतु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग- 109 (पुराना एनएच-87) के लगभग सात किमी. लम्बाई के पुन: संरेखण के निर्माण की लागत 188.55 करोड़ रुपए वहन किए जाने हेतु राज्य सरकार की सहमति दी जानी है। उक्त प्रस्तावित नीति पर भी अनुमोदन दिया गया। कैबिनेट ने उत्तराखंड भाषा संस्थान एवं अकादमियों के विभागीय ढांचे का पुनर्गठन किए जाने पर भी सहमति दे दी है, जिसके अन्तर्गत, क्रमश: हिन्दी, उर्दू, पंजाबी एवं लोक भाषा एवं बोली अकादमियों द्वारा भाषा संवर्धन/संरक्षण हेतु किए जाने वाले कार्यों के सफल संचालन हेतु उत्तराखंड भाषा संस्थान के अन्तर्गत विभिन्न संवर्गों में कुल 51 पदों के सृजन का प्रस्ताव है, जिनमें से केवल 42 पदों पर स्वीकृति प्रदान की गई।