श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने बनाई निजी महाविद्यालयों पर कठोर कार्यवाही की योजना
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने बनाई निजी महाविद्यालयों पर कठोर कार्यवाही की योजना
टिहरी गढ़वाल: 31.08.2021 को अपराहन 4 बजे विश्वविद्यालय की 6वीं कार्य परिषद की आपात बैठक डा0 पी0पी0 ध्यानी, कुलपति एवं अध्यक्ष, कार्यपरिषद्, की अध्यक्षता में आनलाईन आयोजित की गयी। कार्य परिषद मे विस्तृत चर्चा के बाद कुछ विशेष फैसलों पर मुहर लगी जिनको हम इस तरह से समझ सकते है,
481 छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित करने का अनुमोदन किया
सम्बद्धता नियमों के विरूद्ध चार सौ इक्कासी (481) छात्रों को 08 निजी महाविद्यालयों द्वारा स्वीकृत सीटों से अधिक पर विभिन्न विषयों में प्रवेश दिये गये, जो कि एक अनैतिक कार्य था और सम्बद्धता नियमों का पूर्ण रूप से उल्लंघन भी। इस सम्पूर्ण प्रकरण में छात्रों का कोई दोष नही था। अतः व्यापक छात्रहित में कार्य परिषद् ने 481 छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित करने का अनुमोदन किया है।
छात्रहित व सम्बद्धता नियमों के दोषी पाये गये 8 निजी महाविद्यालयों/संस्थानों ने सत्र 2019-20 में विभिन्न विषयों में स्वीकृत सीटों से अधिक सीटों पर प्रवेश किये थे। उनके खिलाप सम्बद्धता नियमों का उल्लंघन करने पर कार्य परिषद ने कठोर निर्णय लिये और अनुमोदन किया गया है। अगर उन 8 निजी महाविद्यालयों/संस्थानों की बात की जाये तो कथित रूप से वो चमन लाल महाविद्यालय, लन्ढौरा, हरिद्वार, हरिओम सरस्वति डिग्री कालेज, धनौरी, हरिद्वार, रूबराज इंस्टीट्यूड आफ एडवान्स स्टडीज, हरिद्वार, स्वामी विवेकानन्द कालेज आफ एजूकेशन, रूडकी, एपैक्स इंस्टीट्यूड आफ मैनेजमेंट एण्ड टैक्नोलाजी, रूडकी, भारतीय महाविद्यालय, रूडकी, सेन्ट्रल इंस्टीट्यूड आफ मैनेजमेंट एण्ड टैक्नोलाजी, रूडकी और डी0डी0 कालेज, निम्बूवाला, देहरादून है।
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सम्बद्धता नियमों का उल्लंघन करने पर कार्य परिषद के कठोर निर्णय और अनुमोदन
सम्बद्धता नियमों का उल्लंघन करने पर कार्य परिषद ने कठोर निर्णय लिये और अनुमोदन किया गया कि,
१. जिन विषयों में सत्र 2019-20 में स्वीकृत सीटों से अधिक सीटों पर प्रवेश निजी महाविद्यालयों/संस्थानों द्वारा किये गये, उनको सत्र 2021-22 में घटाया जायेगा और अवशेष सीटों पर ही निजी महाविद्यालयों द्वारा छात्र/छात्राओं को प्रवेशित किया जायेगा। जिन विषयों में कुल स्वीकृत सीटों के सापेक्ष ज्यादा सीटों पर प्रवेश हुआ था, उन विषयों की अतिरिक्त सीटों को 2 सत्रों 2021-22 एंव 2022-23 में विभाजित कर छात्र-छात्रों को प्रवेशित किया जायेगा।
दोषी महाविद्यालय/संस्थान से शपथ पत्र के साथ वसूल जाये 30 प्रतिशत प्रशमन शुल्क
निजी महाविद्यालयों/संस्थानों पर प्रति अतिरिक्त सीटों पर छात्र-छात्राओं से लिये गये शुल्क, जिसकी संरचना विश्वविद्यालय से पूर्व में ही स्वीकृत है, का 30 प्रतिशत प्रशमन शुल्क आरोपित किया जाय। इस प्रशमन शुल्क को निजी महाविद्यालयों द्वारा विश्वविद्यालय राजकोष में जमा करना होगा और यह प्रशमन शुल्क निजी महाविद्यालय छात्र-छात्राओं से वसूल नही करेंगे। इस आशय का शपथ पत्र महाविद्यालय/संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया जायेगा।
दोषी 8 निजी महाविद्यालयों/संस्थानों को प्रदत्त सम्बद्धता सत्र 2022-23 से आंशिक या पूर्ण रूप से समाप्त की संस्तुति
दोषी पाये गये 8 निजी महाविद्यालयों/संस्थानों को प्रदत्त सम्बद्धता को सत्र 2022-23 से आंशिक या पूर्ण रूप से समाप्त किये जाने हेतु कुलाधिपति महोदया को कार्य परिषद द्वारा संस्तुति की गयी है। इसके बाद कुलाधिपति का जो भी निर्णय होगा वह अन्तिम माना जायेगा।
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प्रकरण में संलिप्त विश्वविद्यालय अधिकारियों एंव कर्मचारियों पर भी होगी कठोर कार्यवाही,जांच प्रक्रिया गतिमान
कुलपति डा0 ध्यानी ने अवगत कराया कि अब विश्वविद्यालय में कार्यरत अधिकारियों एंव कर्मचारियों आदि जिन्होने विश्वविद्यालय के अन्दर और निजी संस्थानों से मिलिभगत कर विश्वविद्यालय में अतिरिक्त सीटों पर परीक्षायें करवायी है उनपर भी कठोर कार्यवाही होगी। उनकी अध्यक्षता में आयोजित हुयी विश्वविद्यालय की शैक्षिक परिषद की 9वीं बैठक 05 जून, 2020 में निर्णय लिया गया था कि विश्वविद्यालय द्वारा निजी महाविद्यालयों/संस्थानों में स्वीकृत सीटों से ज्यादा सीटों पर परीक्षायें आयोजित नही की जायेगी। किन्तु इसके बावजूद भी सितम्बर-अक्टूबर 2020 में विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों ने निजी महाविद्यालयों/संस्थानों आदि से मिली भगत कर परीक्षायें करवा दी, जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुयी है। इस प्रकरण पर विश्वविद्यालय और शासन द्वारा जांच प्रक्रिया गतिमान है। जांच के बाद इन कर्मचारियों व अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की जायेगी।
प्रकरण के विश्वविद्यालय परीक्षा पारिश्रमिक की अधिकारियों से भी वसूली की जायेगी
कुलपति ने यह भी अवगत कराया कि उनके द्वारा पूर्व में तत्कालीन कुलसचिव पर कठोर कार्यवाही की गयी थी। विश्वविद्यालय में उपकुलसचिव, सहायक परीक्षा नियंत्रक और सहायक कुलसचिव द्वारा बिना कार्य परिषद की स्वीकृति के पूर्व में विश्वविद्यालय से हजारों रूपये परीक्षा पारिश्रमिक के रूप में लिया गया है। पिछली कार्यपरिषद् में लिये गये निर्णय के अनुसार अब इन अधिकारियों से भी वसूली की जायेगी।
बैठक में कार्य परिषद के सभी 15 सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें कुलाधिपति नामित सदस्य मा0 न्यायमूर्ति (से0नि0) श्री बी0एस0 वर्मा, एयर कामोडोर (से0नि0) श्री देवेन्द्र शर्मा, डा0 कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया, डा0 गजेन्द्र सिंह, डा0 आर0के0 गुप्ता, प्राचार्य, परिसर गोपश्वर, प्रो0 संदीप कुमार, प्राचार्य, विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के संकायाध्यक्ष, प्रो0 सुषमा गुप्ता, डा0 दीपक भट्ट, भूगर्भ विभाग, डी0बी0एस0पी0जी0 कालेज, देहरादून, प्रो0 जी0के0ढींगरा, विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश इत्यादि द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक का संचालन कार्य परिषद के सचिव प्रो0 एम0एस0रावत, प्रभारी कुलसचिव द्वारा किया गया।
रिपोर्ट: ब्यूरो रिपोर्ट (अर्नित टाइम्स न्यूज़) टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड