पुरानी पेंशन बहाली की हुंकार से गूंजी राजधानी, कार्मिकों ने निकाली चेतावनी रैली

पुरानी पेंशन बहाली की हुंकार से गूंजी राजधानी, कार्मिकों ने निकाली चेतावनी रैली

देहरादून: राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा (उत्तराखंड) (old pension restoration) की 7 नवम्बर को तय चेतावनी रैली कार्यक्रम में हज़ारों की संख्या में कर्मचारियो ने प्रतिभाग किया। जिसमें सरकार के प्रति पुरानी पेंशन बहाली न होने को लेकर नाराज़गी जताई। कार्मिकों ने संयुक्त मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत की उपस्थिति में सरकार को पुरानी पेंशन बहाली (old pension restoration) को लेकर सीधी चेतावनी दी।

प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने मीडिया को बताया कि प्रदेश सरकार के समक्ष सैकड़ो कर्मचारियो द्वारा प्रदर्शन करते हुए लम्बा समय हो गया है परंतु सरकार कार्मिकों के हित में कोई फैसला नहीं ले रही है। चेतावनी रैली का मकसद सरकार के प्रतिनिधियों और सरकार में बैठे लोगो का ध्यान पुनः इस ओर ले जाना है। कथित रूप से यदि सरकार के कार्यकाल से पूर्व इस पर कोई कदम नही उठाया जाता है तो मजबूरन कार्मिको व उनके परिवार वालो को परिवर्तन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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संयुक्त मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने अनुसार जब सरकारी कर्मचारियों के लिए बात बुढापे की आती है तो कार्मिकों को केवल पेंशन ही एक सहारा नज़र आता है, 2005 के बाद से इस पुरानी पेंशन योजना को बन्द करके बहुत बड़ा अन्याय किया गया है लेकिन अब भूल सुधार का समय है। फिर भी सरकारी कार्मिकों की एकता और ताकत को नज़रअंदाज़ करके सरकार कार्मिकों को नाराज़ नही करना चाहेगी। 50 से अधिक कार्मिक संगठनो के सदस्य और प्रतिनिधि इस रैली में शामिल हुए है, महासचिव पोखरियाल ने उन सभी संगठनों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आगे भी इस एकता और अखंडता को बरकार रखें।

प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला ने राजधानी देहरादून में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उत्तराखंड प्रदेश में अभी तक की सबसे बड़ी रैली कहा है। जिसमें महिला अधिकारी एवं कर्मचारी भी बड़ी संख्या में रैली में शामिल हुए हैं। मोर्चा की प्रांतीय महिला उपाध्यक्ष योगिता पंत ने अधिक से अधिक संख्या में महिला कार्मिकों से देहरादून पहुंचकर रैली में शामिल होने की अपील की थी।

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शनिवार को प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र बिष्ट, प्रांतीय संयोजक मिलिन्द बिष्ट, कानूनी सलाहकार डॉ० अजय चमोला, प्रान्तीय मीडिया प्रभारी लक्ष्मण सिंह रावत, रंजन कफल्टिया कार्मिकों से लगातार सम्पर्क करने में जुटे रहे। कार्मिक अधिकारी कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने आंदोलन में प्रतिभाग करते हुए कहा कि अब सरकार कार्मिको को बेवकूफ नही बना सकती अब यह कार्मिकों की भविष्य की लड़ाई है जिस पर इनका सम्पूर्ण जीवन टिका है । सरकार को भी इसको समझते हुए इसको लागू करना ही होगा।

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राजकीय शिक्षक संघ के निवर्तमान अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी ने कहा कि कार्मिक एकता की आज केवल एक झलक ही सरकार ने देखी है यदि सरकार के कार्यकाल के पहले पूरी नही हुई तो सरकार को पुरानी पेंशन बहाली न करने के घातक परिणाम भुगतने होंगे। राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने तारीफ करते हुए कहा कि पेंशन प्राप्त कर रहे और सेवानिवृत्त कर्मचारी भी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं । निवेदन है कि इस पुरानी पेंशन (old pension restoration) विषय पर सरकार को सन्मति आये और कार्मिको की पुरानी पेंशन बहाल करे।  कार्मिक सँगठन के पदाधिकारियों में विक्रम झींकवान, विक्रम सिंह रावत, राजेन्द्र बहुगुणा इत्यादि शामिल रहे।

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रिपोर्ट: सुधांशु बिष्ट (अर्नित टाइम्स न्यूज़) देहरादून,  उत्तराखंड

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