हिंदी दिवस के अवसर पर उत्तरांचल विश्वविद्यालय में कवि सम्मेलन का सफल आयोजन
देहरादून : उत्तरांचल विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस के अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा मीडिया क्लब के तत्वावधान में कवि सम्मेलन (Kavi Sammelan Uttaranchal University ) का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया साथ ही विभाग के निदेशक डॉ जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने पुष्पपूंज एंव सॉल भेट कर अतिथि कवियों तथा मुख्य अतिथि जिनमें विश्वविद्यालय कुलाधिपति जितेन्द्र जोशी एंव कुलपति प्रोफेसर डॉ धर्मबुद्धि का स्वागत किया। कुलापति ने अपने संबोधन में भविष्य में युवाओं के अंदर साहित्य एवं हिंदी भाषा के प्रति लगाव को जागृत रखने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम का अधिक से अधिक आयोजन कराए जाने की बात कही।
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कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ राजेश बहुगुणा ने कार्यक्रम को काफी सराहा और इसे एक बड़े स्तर पर आयोजित करने का सुझाव दिया। कुलपति प्रोफेसर डॉ धर्मबुद्धि ने हिंदी दिवस पर छात्र छात्राओं को बधाई दी और स साथ ही हिंदी भाषा के महत्व को भी समझाएं। इस कार्यक्रम में डीन एस. एल. ए. के प्रोफेसर डॉ श्रवण कुमार ने अपनी रचनाओं से छात्र.छात्राओं का दिल जीत लिया।
इस कार्यक्रम Kavi Sammelan Uttaranchal University में फार्मेसी के डीन डॉ विकास जखमोला उपस्थित रहे। कार्यक्रम में देश के जाने.माने कवि शादाब अली, कवयित्री श्रीमती डॉली डबराल, कवयित्री श्रीमती कविता बिष्ट एवं कवि शिव मोहन सिंह ने अपने काव्य का जादू बिखेरा। शादाब अली ने अपनी मनमोहक गज़ल ‘‘हसीन ख्वाब है जिसको चाहता हूं मैं वह सूरत गुलाब है जिसको चाहता हूं मैं‘‘ समां बांध दिया।
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वही शिव मोहन सिंह ने भी अपने श्रंगार रस में डूबे ‘‘गीत भरे हैं भाव अंतस में तनिक एहसान रख लेना भरोसे का नहीं मौसम मगर विश्वास रख लेना ‘‘ से छात्रों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में मुख्य कवयित्रीयों कविता बिष्ट एवं डॉली डबराल ने प्रेम रस और विरह के गीतों को सुना कर खूब वाह वाही बटोरी कार्यक्रम में पत्रकारिता एवं जनसंचार के शिक्षक एवं शिक्षिका वेद प्रकाश, पवन डबराल, अंजुलिका घोषाल, रुही कादरी ने भी ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग दिया। मंच का संचालन स्मृति उनियाल ने बखूबी किया। कार्यक्रम के अंत में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के निर्देशक डॉ जितेंद्र कुमार सिन्हा ने अतिथि कवियों का आभार व्यक्त किया।