टिहरी: आइए जानिए आस्था और भक्तिभाव से जुड़े बागासू महादेव मंदिर(Shri Bagasu Mahadev Temple) के बारे में, जो टिहरी गढ़वाल के चंबा धरासू मार्ग के लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर डडूर व मुडिया गांव के पास स्थित है। यह छोटा लेकिन पौराणिक महत्व वाला शिव मंदिर अपनी अद्वितीय लोक-आस्था और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।
इस पवित्र शिव स्थल(Shri Bagasu Mahadev Temple) का नाम क्षेत्रीय लोक आस्था और परंपराओं से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है। बागासू महादेव मंदिर के निर्माण काल और निर्माणकर्ता के संबंध में कोई विश्वसनीय ऐतिहासिक स्रोत उपलब्ध नहीं है, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार यह “स्वतः प्रकट शिवलिंग” के रूप में जाना जाता है, अर्थात माना जाता है कि शिवलिंग स्वयं धरती से प्रकट हुआ है।
Shri Bagasu Mahadev Temple मंदिर तक पहुँचने के लिए एक छोटा ट्रेक मार्ग है, जो विभिन्न प्रजाति के वृक्षों से होकर गुजरता है और रास्ते भर हिमालयी सौंदर्य के अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। ट्रेक शुरू करने से पहले रास्ते में आपको बहुत पुराना व क्षेत्र का प्रसिद्ध राजकीय इंटर कॉलेज बागासूधार मिलेगा, जहाँ वाहन पार्क कर ट्रैक आरंभ किया जा सकता है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा स्वीकृत धनराशि से पैदल मार्ग के सौंदर्यीकरण और ऊपर से शेड निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
ग्राम सभा डडूर और मुडिया गांव के सीढ़ीनुमा खेतों और हरे-भरे जंगलों के बीच से होकर जाने वाला यह मार्ग मन को अद्वितीय शांति प्रदान करता है। मंदिर के पीछे से एक कल-कल करती नदी बहती है, जिसके ऊपर से चंबा से पुरानी टिहरी की सड़क दिखाई देती है। मन्दिर से सड़क तक एक किमी के लगभग पैदल मार्ग है।
Shri Bagasu Mahadev Temple स्थानीय पुजारी के अनुसार बागासू महादेव को उदयकोट और मनियार पट्टी के दर्जनों गांवों में कुल देवता के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। इन गांव के नवविवाहित दप्पत्ति विवाह के बाद विशेष पूजा-अर्चना के लिए यहां अवश्य रूप से दर्शन हेतु आते हैं। मंदिर में बेलपत्रों से सजे सुंदर शिवलिंग की पूजा होती है और हवन की भी पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है।
आस्था और स्थानीय श्रद्धा(Shri Bagasu Mahadev Temple) –
1. स्वयम्भू शिवलिंग –
मंदिर का सबसे प्रमुख पहलू यह है कि शिवलिंग स्वयं धरती से प्रकट हुआ माना जाता है, यह आस्था भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र समझी जाती है।
2. शिवरात्रि और श्रावण मास में उच्च आस्थावान उपस्थिति –
महाशिवरात्रि के अवसर पर और श्रावण मास (हिन्दू कैलेंडर के अनुसार शिवपक्ष) में यह मंदिर विशेष रूप से भक्तों से भरा रहता है। मंदिर में रात्रि विश्राम हेतु कमरे भी उपलब्ध हैं, और अधिक आवासीय व्यवस्था निर्माणाधीन है।
यदि आप भी शिव भक्ति में लीन होना चाहते हैं, तो बागासू महादेव के दर्शन अवश्य करें और अपनी श्रद्धा को और गहन बनाएं।