Shri Shiv Mahapuran katha Dehradun (Uttarakhand)
देहरादून। विद्या विहार स्थित दुर्गा माता मन्दिर में चल रही श्री शिव महापुराण कथा(Shri Shiv Mahapuran katha) के आठवें दिन उत्तराखण्ड धाम के सुप्रसिद्ध कथावाचक डा० मोहन मिश्रा महाराज ने श्रोताओं को कथा श्रवण करवाते हुए कहा कि, भगवान, शंकर कण-कण में व्याप्त है। उन्होंने कहा किं शंकर सर्वत्र एवं सर्वव्यापी होते हुए भी निर्गुण निराकार एवं सगुण रूप में भी व्याप्त है।
शिव विवाह के प्रसंग को उठाते हुए उन्होंने कहा कि शिव-शक्ति के बिना शव के समान है। शिव शक्ति के साथ मिलकर सृष्टी के सभी कार्य संपन्न करते हैं। शिव लीला मानव मात्र के कल्याण के लिए शिव ने अनेक अवतार लिए तथा ज्योतिर्लिंग में प्रकट हुए और वे उत्तराखंड के कण कण में विद्यमान हैं। सम्पूर्ण उत्तराखंड ही शिव का दिव्य स्वरुप है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आजकल शिव भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। शिव पुराण की कथा(Shri Shiv Mahapuran katha) के अनुसार शिवजी को बेलपत्र, बेलफल, बेर इत्यादि भगवान को अत्यंत प्रिय है।उन्होंने कहा कि शिवजी का भक्तिभाव से पूजन, कथा श्रवण करने से धर्म-अर्थ, काम-मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस Shri Shiv Mahapuran katha अवसर पर स्थानीय विधायक विनोद चमोली, पार्षद रमेश गौड़, पूर्व पार्षद राजपाल सिंह पयाल, मंदिर समिति के अध्यक्ष भानु प्रकाश पंचौली, बीएस राणा, टीकाराम जोशी, जयशंकर जगूड़ी तथा सभी कीर्तन मंडलियाँ उपस्थित रहीं।