Home / state / uttarakhand / इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल की क्षेत्रीय बैठक दाजी द्वारा नवीनतम अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर ‘स्पिरिचुअल एनाटॉमी’ के भारतीय संस्करण के भव्य विमोचन के साथ आयोजित की गई

इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल की क्षेत्रीय बैठक दाजी द्वारा नवीनतम अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर ‘स्पिरिचुअल एनाटॉमी’ के भारतीय संस्करण के भव्य विमोचन के साथ आयोजित की गई

Spiritual Anatomy'

देहरादून: हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक और श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष श्रद्धेय दाजी की नवीनतम महान कृति (Spiritual Anatomy) “स्पिरिचुअल एनाटॉमी: चक्र, एंड द जर्नी टू द सेंटर” के नए भारतीय संस्करण का महात्मा एजुकेशन सोसाइटी के पिल्लई एचओसी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, रासायनी द्वारा आयोजित इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल की मंगलवार को क्षेत्रीय बैठक में एक भव्य विमोचन किया गया।

“भारत ज्ञान समागम”: शिक्षा के नये आयाम पर हुआ मंथन

यह विमोचन मुख्य अतिथि, अध्यक्ष, एआईसीटीई, और एनएएसी और एनबीए ((Spiritual Anatomy’) जैसी विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की समितियों के विशेषज्ञ सदस्य डॉ अनिल सहस्रबुद्धे, एआईसीटीई, तकनीकी बिरादरी एवं विभिन्न विभागों के प्रमुखों, शिक्षकों और भारत के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों की उपस्थिति में हुआ।

यह क्षेत्रीय बैठक नवाचार को बढ़ावा देने और उद्यमशीलता के पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने, उपस्थित लोगों के लिए अमूल्य अंतर्दृष्टि और अवसर प्रदान करने और भविष्य की क्षेत्रीय पहलों की नींव रखने में एक मील के पत्थर जैसी थी। यह बैठक शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और एआईसीटीई के तहत आयोजित की गई थी।

सम्मानित अतिथि श्री दीपन साहू, सहायक नवाचार निदेशक, एमआईसी, एआईसीटीई, रवींद्र कुमार सोनी, सलाहकार-II एआईसीटीई, श्री रामनन रामनाथन, स्कूलों, विश्वविद्यालयों और गैर सरकारी संगठनों के लिए नवाचार, उद्यमिता और स्थिरता के सलाहकार/बोर्ड सदस्य थे। इस कार्यक्रम का आयोजन एमईएस के अध्यक्ष डॉ. केएम वासुदेवन पिल्लई, डॉ. प्रियम पिल्लई, सीओओ, एमईएस, पीएचसीईटी के प्रिंसिपल डॉ. जगदीश बाकल, पीएचसीईटी की प्रिंसिपल, डॉ. निवेदिता श्रेयांस, डायरेक्टर पीआर, एमईएस, डॉ. लता मेनन, डिप्टी सीईओ, पिल्लई एचओसीएल कैंपस, डॉ. आरसी प्रसाद, अध्यक्ष आईआईसी, पीएचसीईटी के मार्गदर्शन में किया गया। इस क्षेत्रीय बैठक के दौरान इनोवेशन सत्र, ज्ञान-साझाकरण सत्र और इनोवेटर्स एवं शुरुआती चरण के स्टार्ट-अप संस्थापकों के लिए ओरिएंटेशन सत्र आयोजित किए गए।

अध्यक्ष, एआईसीटीई, और एनएएसी और एनबीए जैसी विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की समितियों के विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, “क्षेत्रीय बैठक उपस्थित लोगों के बीच उद्यमशीलता अभियान को लागू करने और आगे के कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

श्रद्धेय दाजी द्वारा ‘स्पिरिचुअल एनाटॉमी’ का विमोचन इस अवसर पर और अधिक उपयुक्त है क्योंकि यह वास्तव में हमें बताता है कि पहल के सफल कार्यान्वयन के लिए हमें पहले अपने आंतरिक स्वयं की देखभाल करने की आवश्यकता है।“ हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक और श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष श्रद्धेय दाजी, जिन्होंने स्पिरिचुअल एनाटॉमी लिखी है,

ने कहा, “आध्यात्मिक शरीर रचना विज्ञान उच्चतम गंतव्य तक पहुँचने के साधनों को प्राप्त करने के लिए किसी की वास्तविक क्षमता को उजागर करने की कुंजी है। मुझे उम्मीद है कि छात्र, उद्यमी और नेतृत्व की भूमिका में रहने वाले लोग केंद्रित, बेहतर फोकस और उत्पादकता बढ़ाने के लिए इसका सबसे अच्छा उपयोग कर सकते हैं।“

‘स्पिरिचुअल एनाटॉमी’ का 2023 में संयुक्त राज्य अमेरिका में पहले ही विमोचन कर दिया गया था और अब यह बेस्टसेलर है। इस ऐतिहासिक पुस्तक में हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक और श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष श्रद्धेय दाजी ने 16 चक्रों के माध्यम से अपने संपूर्ण ज्ञान और अपनी यात्रा को आसवित किया है। यह शाहजहाँपुर के श्री राम चंद्र द्वारा प्रस्तुत एक अभूतपूर्व शोध है।

यह पुस्तक चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में स्वयं की गहरी भावना, उद्देश्य और आध्यात्मिक जागरूकता से जुड़ने के लिए एक रूपरेखा लेकर आती है। बैठक को समापन समारोह के साथ सम्पन्न किया गया। सर्वश्रेष्ठ आईआईसी पोस्टर विजेताओं और सर्वश्रेष्ठ इनोवेटर्स को प्रशंसा प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के 500 से अधिक प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

हार्टफुलनेस के बारे में: हार्टफुलनेस, ध्यान के अभ्यासों और जीवन शैली में बदलाव का एक सरल संग्रह प्रदान करता है। इसकी उत्पत्ति बीसवीं शताब्दी के आरम्भ में हुई और भारत में 1945 में श्री राम चंद्र मिशन की स्थापना के साथ इसे औपचारिक रूप दिया गया, जिसका उद्देश्य था एक एक करके हर हृदय में शांति, ख़ुशी और बुद्धिमत्ता लाना।

ये अभ्यास योग का एक आधुनिक रूप हैं जिनकी रचना एक उद्देश्यपूर्ण जीवन की दिशा में पहले कदम के रूप में संतोष, आंतरिक शांति और स्थिरता, करुणा, साहस और विचारों में स्पष्टता लाने के लिए की गई है। वे सरल और आसानी से अपनाए जाने योग्य हैं और जीवन के सभी क्षेत्रों, संस्कृतियों, धार्मिक विश्वासों और आर्थिक स्थितियों के लोगों के लिए उपयुक्त हैं, जिनकी उम्र पंद्रह वर्ष से अधिक है।

हार्टफुलनेस अभ्यासों में प्रशिक्षण हजारों स्कूलों और कॉलेजों में चल रहा है, और 100,000 से अधिक पेशेवर दुनिया भर में कॉर्पोरेट निगमों, गैर-सरकारी और सरकारी निकायों में ध्यान कर रहे हैं। 160 देशों में 5,000 से अधिक हार्टफुलनेस केंद्रों का हजारों प्रमाणित स्वयंसेवी प्रशिक्षकों और लाखों अभ्यास करने वालों द्वारा संचालन किया जाता है।

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