प्रधान संगठन ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी, सीएम धामी को भेजा ज्ञापन

ग्राम प्रधान संगठन(Gram pradhan sangathan uttarakhand) की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन भेजा गया जिसमें पंचायतों में आ रही समस्या से उन्हें अवगत कराया गया। ग्राम प्रधान संगठन ने उपरोक्त मांगों पर शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए कहा गया है अन्यथा ग्राम प्रधान संगठन कथित रूप से  पूरे प्रदेश सहित राष्ट्रीयस्तर पर उग्र आंदोलन हेतु बाध्य होगा।

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  1. ग्राम पंचायत आपदा निधि की घोषणा 1 वर्ष पूर्व की गई थी जिसमें प्रत्येक ग्राम पंचायत को आकस्मिक निधि के रूप में 10000 दिए जाने की घोषणा हुई थी जिसका शासनादेश आज दिन तक प्राप्त नहीं हुआ।
  2. करोना काल में ग्राम प्रधानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य हेतु ग्राम प्रधानों को प्रशस्ति पत्र एवं 10,000 कोरोना प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई थी जिसका शासनादेश एवं प्रशस्ति पत्र आज दिन तक ग्राम प्रधानों को प्राप्त नहीं हुए।
  3. पंचायती राज अधिनियम 73वें संविधान संशोधन के 29 विषय ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित करने की बात कहता है लेकिन आज दिन तक एक भी विषय ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित नहीं हुए हैं।
  4. वित्त वर्ष 2022 23 समाप्त होने की ओर है परंतु केंद्रीय 15 वा वित्त मे मिलने वाली धनराशि आज दिन तक ग्राम पंचायतों को प्राप्त नहीं हुई है।
  5. पंचायती राज विभाग के ढांचे को मजबूत करते हुए विभाग में स्थाई पदों को बढ़ाया जाए तथा मैदानी जनपदों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की संख्या को पर्वतीय जनपदों के सापेक्ष बढ़ाया जाए।
  6. ग्राम पंचायत में स्थित सरकारी भूमि जिला पंचायत की भूमि का उपयोग ग्राम पंचायत में बनने वाले सरकारी भवनों के निर्माण में किए जाने का स्पष्ट शासनादेश किया जाए।
  7. ग्राम पंचायत की खुली बैठक में प्रस्तावित कार्यों को जिला योजना में वरीयता दी जाएं तथा जिला योजना में भी ग्राम प्रधानों को नामित सदस्य नियुक्त किया जाए।
  8. ग्राम पंचायतों को पंचायत भवन निर्माण हेतु निर्धारित 10 लाख की राशि को बढ़ाकर 20 लाख किया जाए।
  9. ग्राम प्रधानों का आरक्षण 10 वर्ष तक निर्धारित होना चाहिए क्योंकि वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायतों का आरक्षण प्रत्येक पंचवर्षीय में परिवर्तित किया जा रहा है।
  10. कोरोना काल में सेवा देने वाले पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाए जाएं।
  11. ग्राम पंचायत में रेखीय विभागों द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्यों की पूर्व अनुमति, कार्य पूर्ति एवं सत्यापन का कार्य ग्राम पंचायत द्वारा किए जाने का स्पष्ट शासनादेश किया जाए।
  12. ग्राम पंचायतों की 6 समितियों के अतिरिक्त ग्राम पंचायत में बनाई गई समितियों को समाप्त किया जाए।
  13. केंद्रीय वित्त में टाइट अनटाइट की बाध्यता को समाप्त किया जाए तथा केंद्रीय वित्त तथा राज्य वित्त की धनराशि को समय-समय पर शासन द्वारा अलग-अलग मदों पर खर्च करने की बाध्यता को समाप्त किया जाए।
  14. ग्राम प्रधानों के खिलाफ अविश्वास पत्र का फैसला वार्ड सदस्यों की बजाय ग्रामीण जनता द्वारा किया गया।
  15. ग्राम प्रधानों का राज्यभर में रोड टोल फ्री किया जाए।
  16. ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 5000 किया जाए तथा पेंशन की सुविधा उपलब्ध की जाए।
  17. पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम प्रधानों का व्यक्तिगत तथा स्वास्थ्य बीमा करवाया जाए।          मनरेगा की समस्या
  18. जिन पंचायतों में नेटवर्क की समस्या होने के कारण एन एम एम एस के श्रमिक उपस्थिति लेना संभव नहीं हो पा रहा है इस हेतु आवश्यक विकल्प उपलब्ध कराए जाएं।
  19. तकनीकी नेटवर्क की समस्या के कारण एनएमएमएस के माध्यम से ली जा रही उपस्थिति यदि अपलोड नहीं हो रही है तो इस स्थिति में श्रमिक उपस्थिति को एडिट करने का प्रावधान पूर्व की तरह डीपीओ लॉगिन में उपलब्ध कराया जाए।
  20. मनरेगा में सामग्री का भुगतान 3 माह में किया जाए।
  21. योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत में अधिकतम 20 प्रगति रथ कार्यों की सीमा को हटाया जाए।
  22. 20 श्रमिकों तक पूर्व की भांति ऑफलाइन मस्ट्रॉल पर ही कार्य कराए जाएं।
  23. मनरेगा निर्माण कार्यों में 70% सामग्री एवं 30% मजदूरी का अनुपात रखा जाए।
  24. कुशल श्रमिक का भुगतान श्रमिकों के साथ ही किया जाए।

इस मौके पर भास्कर सम्मल प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश ग्राम प्रधान संगठन उत्तराखंड, हेमन्ती रावत ग्राम प्रधान सनगांव, नरेंद्र सिंह तोमर ब्लॉक अध्यक्ष विकासनगर महासचिव दिलीप तोमर ब्लॉक अध्यक्ष चकराता कोषाध्यक्ष भगवान सिंह महर ग्राम प्रधान ब्लाक डोईवाला अनिल तोमर ग्राम प्रधान कालसी ब्लॉक मीडिया प्रभारी नरेंद्र सिंह मेलबान ब्लॉक अध्यक्ष रायपुर जिला प्रवक्ता रेखा बहुगुणा मीनू छेत्री, जवाहर ,स्वराज चौहान दीवान सिंह पुंडीर आदि Gram pradhan sangathan uttarakhand उपस्थित थे।

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