Journalists are mobilizing about the proposed new Press Recognition Rules 2022, said anomaly
हल्द्वानी: सूचना एवम लोकसंपर्क विभाग द्वारा प्रस्तावित नई प्रेस मान्यता नियमावली 2022 पर चर्चा की दृष्टि से उत्तराखंड पत्रकार संयुक्त समिति (Uttarakhand Journalists Joint Committee) के संयोजक डा. वी.डी.शर्मा ने स्थानीय राज्य अतिथि गृह काठगोदाम के सभागार में पत्रकारों से वार्ता की। आम पत्रकारों से मांगे गए सुझाव के संबंध में समिति के संयोजक डा. वी.डी.शर्मा यहाँ पहुंचे थे। पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा की इस नियमावली में अधिकांश बिंदु पत्रकारों को बांटने की साजिश व दोहरा मापदंड अपनाया गया है। विभिन्न वर्गो की प्रेस मान्यता के नियमों में परस्पर विरोधाभास दिखाई पड़ता है। अगर बिंदु 22 की बात करे तो विगत 20-30 वर्षों से प्रेस मान्यता प्राप्त पत्रकारों को शैक्षिक मान्यता की बाध्यता के चलते मान्यता से बाहर करने का कुचक्र रचा गया है। जबकि पूर्व से प्रेस मान्यता प्राप्त पत्रकारों को शैक्षिक योग्यता की अनिवार्यता से पृथक रखा जाना चाहिए।
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डा.शर्मा ने कहा कि बड़े समाचार पत्रों के संपादकों व न्यूज चैनल के पत्रकारों को नियमावली से बाहर रखा गया है। पत्रकारों के अनुभव को लेकर भी पृथक पृथक विसंगति हैं। संपादकों को सरकारी गेरसरकारी कार्य करने या आर्थिक आय से प्रतिबंधित किया गया है। यही नहीं, दूरदर्शन के अंशकालीन पत्रकारों के संबंध में विभाग मेहरबान दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि यदि विभाग ने उक्त नियमावली को थोपने का प्रयास किया गया तो इसका भारी विरोध किया जायेगा, जिसके लिए सभी पत्रकारों को कमर कसनी पड़ेगी। सभी पत्रकारों को मिलकर इसका पुरजोर विरोध कर आपत्ति भेजनी होगी। उत्तराखंड पत्रकार संयुक्त समिति इसको लेकर न्यायालय भी जाना पड़ा तो जाएगी।
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इस अवसर पर देवभूमि पत्रकार यूनियन (Devbhoomi patrakar Union) के प्रदेश अध्यक्ष विजय जायसवाल, सूर्य प्रकाश भट्ट , राजकुमार केसरवानी, जिलाध्यक्ष नैनीताल, अशोक गुलाटी, जिलाध्यक्ष उधम सिंह नगर, महेंद्र सिंह नेगी, प्रांतीय पार्षद, उर्बादत्त भट्ट जिला महामंत्री, अतुल गुप्ता जिला कोषाध्यक्ष देवभूमि पत्रकार यूनियन आदि मौजूद थे।