अफगानिस्तान पर जबरन कब्जे के खिलाफ है भारत, राज्यसभा में बोले विदेश मंत्री- हिंसा का राजनीतिक समाधान हो

अफगानिस्तान में मौजूदा हालात पर भारत ने अपनी स्थिति साफ की है। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा है कि भारत, अफगानिस्तान को जबरन कब्जे में लिये जाने के खिलाफ है। भारत ने साफ किया है कि अफगानिस्तान में जारी हिंसा के राजनीतिक समाधान को ही भारत सपोर्ट करता है। विदेश मंत्री ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ उनकी अफगानिस्तान के मसले पर विस्तृत चर्चा हुई है। चर्चा के बाद दोनों ही देश इस बात पर सहमल हुए हैं कि हिंसा के जरिए अफगानिस्तान पर जबरन कब्जा नहीं होना चाहिए।

विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान की समस्या का समाधान मिलिट्री के जरिए नहीं हो सकता है। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि अफगानिस्तान में हो रही हिंसा का राजनीतिक समाधान निकाला जा सके। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एस जयशंकर की बुधवार को मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के बाद ब्लिंकन ने भी अफगानिस्तान में हिंसा को गलत ठहराते हुए परिस्थितियों के मुताबिक राजनीतिक हल निकाले जाने की बात कही थी।

अमेरिका ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान के संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता और इस क्षेत्र में एक नेता एवं अमेरिका के अहम सहयोगी के तौर पर भारत अफगानिस्तान की स्थिरता व विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा। अफगानिस्तान में तालिबान के तेजी से उभरने के बीच वहां उत्पन्न हो रही स्थिति और अन्य मुद्दों पर दोनों पक्षों में व्यापक चर्चा के बाद अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यह स्पष्ट दावा किया था।

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