जालंधर। कांग्रेस पार्टी के नगर कौंसिल प्रधान जतिंदरपाल राना (former council chief) को डिसमिस करने के बाद उनका एक पोस्टर चर्चा में है जिसमें लिखा है कि पंजाब सरकार द्वारा उन्हें डिसमिस करना उनकी ईमानदारी, सफाई कर्मचारियों के लिए खड़े होना और उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपने का इनाम मिला है। पूर्व प्रधान ने आप विधायक पर आरोप लगाए हैं कि उन्हें विधायक सर्बजीत कौर मानूके से एक एन.आर.आई. महिला की कोठी जो कब्जे से छुड़वाई है, की सजा मिली है। शहर की टूटी सड़कों को बनाना, अवैध कब्जे पर कार्रवाई, भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होना, सच के लिए आगे आना आदि की सजा दी गई है।
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इसी के साथ पूर्व कौंसिल प्रधान राना (former council chief) के साथियों द्वारा एक वीडियो सोशल मीडिया पर सांझी की गई है जिसमें ई.ओ. सुखदेव सिंह रंधावा ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वह नियुक्ति पत्र देने के लिए दफ्तर में बैठे हैं उनके दफ्तर के बाहर कोई धरना नहीं लगा है। वह नियुक्ति पत्र लेने के लिए दफ्तर के बाहर बैठे हैं। सफाई कर्मियों के प्रधान अरुण कुमार भी वीडियो में साफ कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि ई.ओ. साहिब खुद वापिस आए हैं ताकि वह नियुक्ति पत्रों पर हस्ताक्षर कर कर्मियों को दे सकें।
जानकारी के लिए बता दें कि नगर कौंसिल के ई.ओ. सुखदेव सिंह रंधावा को जबरदस्ती 5 बजे के बाद दफ्तर में बैठा कर और नियुक्ति पत्र बांटने के आरोप में जतिंदरपाल राना को डिसमिस किया गया। इसके बाद पूर्व प्रधान ने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने राना राहत देते हुए 20 मार्च को सरकार से जवाब मांगा। वहीं राना का कहना है कि वह कोर्ट में उन सूबतों के साथ पेश होंगे जिन्हें सरकार ने नजरअंदाज किया है।
सच सामने लाकर रहेंगे। प्रधान जतिंदरपाल राना ने सरकार पर तीखा हमला किया है। सरकार को उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत भेजी थी । सरकारी जगह पर अवैध कब्जों पर बिना नक्शा पास करवाए बिल्डिगों को लेकर शिकायत की लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। वहीं राना ने कहा कि शहर के विकास को लेकर आप नेताओं ने कुछ पार्षदों सहित मिलकर कामों को रुकवाने के आरोप लगाए हैं।