ब्रेकिंग न्यूज़: कोयला मंत्रालय द्वारा दो और कोयला खदानों की नीलामी, वार्षिक राजस्व की गणना फिलहाल नहीं
ब्रेकिंग न्यूज़ – कोयला मंत्रालय द्वारा दो और कोयला खदानों की नीलामी, वार्षिक राजस्व की गणना फिलहाल नहीं
दिल्ली: कोयला मंत्रालय ने इसी वर्ष 27 सितंबर, 2021 को वाणिज्यिक खनन के लिए 11 कोयला खदानों की नीलामी (Auction of coal mines) का दूसरा प्रयास शुरू किया था और तब 4 खदानों के लिए निविदाएं (बोलियां) प्राप्त हुई थीं। दो खानों के लिए नीलामी आयोजित की गई थी जिनके लिए कई बोलियां मिली हैं। नीलामी के परिणाम इस प्रकार हैं :
क्रम सं. | खान का नाम | राज्य | अन्वेषण की स्थिति | पीआरसी (मीट्रिक टन प्रति वर्ष) | भूगर्भीय भंडार (मीट्रिक टन) | वरीयताप्राप्त बोलीदाता | प्रारम्भिक प्रस्ताव
(%) |
अंतिम प्रस्ताव ( % ) | सृजित वार्षिक राजस्व (करोड़ रु.) |
1 | लालगढ़ (उत्तर) | झारखंड | अन्वेषित | 1.00 | 27.038 | आधुनिक पाउडर एंड नेचुरल रिसोर्सेज लि. | 11.00 | 48.50 | 213.22 |
2 | बेहेराबन्द उत्तर विस्तार* | मध्य प्रदेश | आंशिक रूप से अन्वेषित | लागू नहीं | 170.00 | औरो कोल प्राइवेट लि.. | 8.50 | 9.50 | लागू नहीं |
(*) यह आंशिक रूप से अन्वेषित (खोजी गई) कोयला खदान है अतः इस खदान के लिए पीआरसी उपलब्ध नहीं है। इसलिए, इस कोयला खदान से सृजित होने वाले वार्षिक राजस्व की गणना फिलहाल नहीं की जा सकती है।
इस नीलामी के संचालन के साथ ही कोयला मंत्रालय ने जून 2020 में पहली किश्त के शुभारंभ से अब तक कुल 30 खानों (23 पूरी तरह से अन्वेषित (खोजी गई) खदानों और 7 आंशिक रूप से खोजी गई खदानों को मिलाकर) की सफलतापूर्वक नीलामी (Auction of coal mines) की है। बाजार में कोयला खदानों की मजबूत मांग का संकेत देते हुए 4% की आधारभूत लागत (फ्लोर प्राइस) के मुकाबले लगभग 27.78% के औसत प्रीमियम के साथ अब तक नीलामी की गई कुल अधिकतम दर्ज क्षमता 63.17 एमटीपीए है। इन खदानों से कुल वार्षिक राजस्व 8158.03 करोड़ रुपये और अनुमानित रोजगार 85,406 होने की उम्मीद है।
वाणिज्यिक कोयले की खदान की नीलामी में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई है और ‘अनंतिम-उपभोक्ता (नॉन-एंड यूजर)’ श्रेणी के कई प्रतिभागी पहली बार शामिल हुए जैसे भवन निर्माण क्षेत्र (रियल एस्टेट), बुनियादी संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर), औषधि निर्माता (फार्मा) आदि भी इस नीलामी में सफल बोलीदाताओं के रूप में उभरे हैं, जो इसका एक सकारात्मक पक्ष साझा करता है। उद्योग द्वारा बोली प्रक्रिया से ‘अंतिम उपयोग’ मानदंड को हटाने के बाद अब खनन उद्योग में अधिक दक्षता और तकनीकी प्रगति आने की उम्मीद है।