ब्रेकिंग: मुख्यमंत्री टेबलेट योजना में बड़ा घोटाला, फर्जी बिलों के जरिए धांधली के आरोप

देहरादून।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय विद्यालयों के 10th व 12th कक्षा के छात्रों को टैबलेट देने की (chief minister tablet scheme) योजना निकाली थी।राज्य सरकार ने किसी तरह के घोटाले और विवाद की आशंका के बीच टैबलेट देने से हाथ पीछे खींचते हुए 12 हजार रुपए देने का फैसला लिया था।  लेकिन जानकारों के अनुसार अब उसी योजना के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है। मामले का खुलासा रुद्रप्रयाग के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि से हुआ है, जहां तकरीबन 2200 छात्रों को सरकार की ओर से निःशुल्क टैबलेट दिए जाने की योजना पर फर्जी बिलों के जरिए पलीता लगाने की कोशिश की जा रही है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार चुनाव आचार संहिता के बाद महाविद्यालयों में भी निःशुल्क टैबलेट बांटे जाने थे, जिस पर पहले शपथ पत्र और बिल लाने का आदेश जारी किया गया था। जसके बाद छात्र बिना टैबलेट खरीद के बाजारों से फर्जी बिल लगा रहे हैं। कहीं-कहीं इन बिलों में जीएसटी ही नहीं है, तो कहीं आईएमईआई नंबर ही गायब है। यहाँ तक की आईएमईआई नंबर भी पुराने मोबाइल का चस्पा कर दिया गया है। पांच सौ से लेकर दो हजार रूपये तक में बिल बड़ी आसानी से बन रहे हैं। महाविद्यालय प्रशासन जांच की बात तो कर रहा है लेकिन अब समस्या यह है कि जीएसटी बिलों और आईएमईआई नंबर की सत्यता को लेकर उनके पास कोई टेक्निल एक्सपर्ट नहीं है। ऐसे (chief minister tablet scheme) में टैक्स और राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।

फर्जी बिल का मामला सामने आते ही सभी में हड़कंप मच गया है। क्योकि उत्तराखंड में फ्री टैबलेट योजना के तहत सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को डीबीटी के जरिए जल्द ही 12-12 हजार रुपये मिल रहे हैं। अब देखना यह होगा की सरकार इस पर क्या कार्यवाही करती है।

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