उत्तरांचल विश्वविद्यालय में दो दिवसीय यूथ पार्लियामेन्ट का शुभारम्भ, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भी रही मौजूद

देहरादून। उत्तरांचल विश्वविद्यालय (Uttaranchal University) की विधि संकाय लॉ कॉलेज देहरादून (Law College Dehradun) में आज चतुर्थ राष्ट्रीय यूथ पार्लियामेन्ट का शुभारम्भ किया गया। विधान सभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूरी (Speaker Ritu Khandudi) इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थी। दो दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों से आये 150 युवा सांसद इस प्रतियोगिता में भागीदारी करने पहुँचे। आयोजकों द्वारा भारत की पार्लियामेन्ट, उत्तराखण्ड विधान सभा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद्, व संयुक्तराश्ट्र महासभा का गठन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री जितेन्द्र जोशी द्वारा पुष्पगुच्छ देकर विधान सभा अध्यक्ष का स्वागत किया एवं उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।

इस अवसर पर लॉ कॉलेज के छात्रों को सेन्ट्रल हॉल ऑफ पार्लियामेन्ट में प्रतिनिधित्व करने एवं कु0 निहारिका को “शक्तियों का विभाजन” विषय पर सम्बोधन के लिए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा भेंट की गई संविधान की मूल प्रति, विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कुलाधिपति श्री जितेन्द्र जोशी को भेंट की गई। संयुक्त सम्बोधन के उपरान्त विधान सभा अध्यक्ष बारी-बारी से सभी समितियों में गई। आल इण्डिया पार्टी मीट में युवा सांसद कश्मीरी पण्डितों के पलायन पर बहस कर रहे थे जबकि उत्तराखण्ड विधान सभा में भू-कानून व संयुक्त राष्ट्र में युक्रेन-रूस व सुरक्षा विषयो पर चर्चा हो रही थी। अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो0 राजेश बहुगुणा ने कहा कि राजनीति युवाओं का एक सर्वाधिक पंसदीदा विकल्प बनता जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित युवा संसद युवाओं में स्वस्थ राजनीतिक परम्पराओं को स्थापित करने एवं समकालिन राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय मुद्दों को समझने में कारगर साबित होती है।

सेन्ट्रल हॉल ऑफ पार्लियामेन्ट (Central Hall of Parliament) में उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय (Uttaranchal University) का प्रतिनिधित्व निहारिका झा, साक्षी सुनेजा, अभिजीत कश्यप, रितिम मंगला, सुभम कश्यप तथा हर्श अग्रवाल ने किया। अपने जीवन में 11 वर्षो तक शिक्षिका रही श्रीमती ऋतु खण्डूरी ने कहा कि उन्होनें छात्रों से बहुत कुछ सीखा है। उन्होनें कहा कि विधायकी, कार्यपालिका व न्यायपालिका का उचित समन्वय किसी भी देश में क्रान्तिकारी परिवर्तन ला सकता है। उन्होनें कहा कि किसी भी देश, प्रदेश व संस्थान के चैमुखी विकास के लिए लीडर का विजनरी होना जरूरी है। उन्होनें देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को एक अनूठी मिसाल बताया। डिजीटल क्रान्ति, डायरेक्ट बेनिफिट योजना, इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रान्ति, मूलभूत सुविधाओं के उदाहरण दिये। उन्होने कहा कि समाज के प्रति संवेदनषील व ऊर्जावान विधायक यदि विधि का ज्ञान भी रखता है तो वह अपन क्षेत्र में अविष्वसनीय परिवर्तन ला सकता है।

इस अवसर पर मुख्य रूप से कुलपति प्रो0 धरम बुद्धि, डा0 अभिषेक जोशी, एस0 सी0 “ार्मा, डा0 प्रदीप सूरी, डा0 एस0 डी0 पाण्डेय, डा0 एम0 पी0 सिंह, डा0 श्रवण कुमार, डा0 बाबू डी0, के0 बी0 पोखरियाल, डा0 पूनम रावत, डा0 जितेन्द्र सिन्हा, मनीश बडोनी, डा0 सोनल “ार्मा, आशुतोष कुमार सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

अर्नित टाइम्स न्यूज़, देहरादून(उत्तराखंड)।

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