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गुमनाम हस्तियों को मिला पद्मश्री, किसान से लेकर पैरा तीरंदाज समेत इन नायकों के नाम

गुमनाम हस्तियों को मिला पद्मश्री, किसान से लेकर पैरा तीरंदाज समेत इन नायकों के नाम

भारत सरकार ने पद्द पुरस्कार 2025 की घोषणा की। इनमें कई महान हस्तियों के नाम सामने आए हैं, जो पद्मश्री से सम्मानित हुए हैं। इनमें कई गुमनाम हस्तियों के भी नाम सामने आए हैं। भारत के पैरा-तीरंदाज हरविंदर सिंह (Harvinder Singh) को गणतंत्र दिवस 2025 के दिन प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने 2024 में पैरिस पैरांलपिक में स्वर्ण पदक जीता, साथ ही कई लोगों को ड्रग्स के खिलाफ जागरूक भी किया।

पेरिस 2024 पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक विजेता, हरविंदर की उपलब्धियों ने उन्हें देश के बेहतरीन एथलीटों में से एक के रूप में पहचान दिलाई ।
भीम सिंह भावेश (61 वर्ष)मुसहर के मसीहा मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए कर रहे प्रयास भोजपुर में पिछले 22 साल से चला रहे संस्था नई आशा। जिले के 13 प्रखंडों के 200 से अधिक मुसहर टोलों के लोगों को मिली शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा -आठ हजार से अधिक मुसहर बच्चों को सरकारी स्कूलों में मिला दाखिला। एक लाइब्रेरी की स्थापना की – भोजपुर, बक्सर में सौ से अधिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए ।

दिल्ली की डॉ नीरजा भटला
डॉक्टर नीरजा भटला (Dr. Neerja Bhatkla) दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, सर्वाइकल कैंसर की पहचान, रोकथाम और इलाज में माहिर हैं। इसी काम के लिए पद्म श्री मिल रहा है । ह्यूग और कोलेन गैंटजर (93, 90 वर्ष)- ट्रैवल ब्लागर दंपती ने भारतीय ट्रैवल जर्नलिज्म में पांच दशकों से अधिक समय तक योगदान दिया है। देश में यात्राओं संबंधी लेखन में इनका गहरा प्रभाव पड़ा है।

30 से ज्यादा पुस्तकें लिखीं
दोनों ने मिलकर लिखे हैं 30 से अधिक पुस्तकें और तीन हजार से अधिक आलेख। साथ ही भारतीय के पर्यटक स्थलों, संस्कृति, इतिहास के बारे में भी लिखे हैं कई लेख

जगदीश जोशिला (75 वर्ष) निमाड़ी और हिंदी के उपन्यासकार 50 से अधिक ऐतिहासिक उपन्यास, कविताएं, नाटक लिखे- निमाड़ी भाषा के संरक्षण के लिए समर्पित – क्रांति सूर्य तांत्या भील विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान – अखिल निमाड़ी लोक परिषद और अखिल निमाड़ी लोक उपन्यास के संरक्षक है।

हरिमन शर्मा
सेब सम्राट के नाम से मशहूर बिलासपुर जिले के सेब किसान
सेब की किस्म ‘एचआरएमएन 99’ विकसित की है।
यह समुद्र तल से 1,800 फीट की ऊंचाई पर उगती है।
‘एचआरएमएन 99’ रोग प्रतिरोधी और किफायती है, सेब के साथ ही आम, किवी, अनार के पौधे भी लगाएं हैं।

एल हंगथिंग
एल हंगथिंग नागालैंड के नोकलक से एक फल किसान हैं। उन्हें गैर-देशी फलों की खेती में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। ये सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र में अद्भुत काम कर रहे हैं। इनके काम से समाज को बहुत फायदा हुआ है। पद्म पुरस्कारों से इनके काम को पहचान मिलेगा और लोग इनसे प्रेरणा ले सकेंगे।

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