मंत्री गणेश जोशी(Farmers Welfare Minister Ganesh Joshi) ने मिशन दालचीनी एवं मिशन तिमूर की घोषणा के अंतर्गत लगभग 03 लाख पौधों को फ्लैग ऑफ किया
देहरादून। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी(Farmers Welfare Minister Ganesh Joshi) ने देहरादून से मिशन दालचीनी एवं मिशन तिमूर की घोषणा के अंतर्गत सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप), सेलाकुई द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लिए पहले चरण में लगभग 03 लाख पौधों को फ्लैग ऑफ किया। गौरतलब है, कि मिशन दालचीनी जिसके अन्तर्गत प्रथम चरण में जनपद- चम्पावत और नैनीताल में इसकी शुरूआत कृषि वानिकी के रूप की जायेगी। इस फसल के प्रचार- प्रसार, तकनीकी प्रशिक्षण, प्रसंस्करण एवं बाजार के लिए खतेडा (चम्पावत) “सिनामन सेटेलाईट सेन्टर ” के रूप में कैप द्वारा विकसित किया जा रहा है।
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इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी(Farmers Welfare Minister Ganesh Joshi) ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सगन्ध फसलों के प्रसार को बढावा देने के लिए प्रदेश में विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा पारम्परिक फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुचायें जाने के कारण किसानों द्वारा जो कृषि भूमि छोड दी गई है। हमारा प्रयास है कि उस पर सगन्ध फसलों की खेती आरम्भ कर किसान अपनी आजीविका बढ़ा सके। भविष्य में दालचीनी तथा सिनामन की पत्तियों के उत्पादन में उत्तराखंड राज्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। क्योंकि अभी तक दालचीनी का उत्पादन दक्षिण भारत में किया जा रहा है तथा हमारे किसानों द्वारा इसकी केवल पत्तियाँ ही बाजार में बेची जा रही है।
मंत्री ने कहा कैप के वैज्ञानिकों द्वारा सिनमन की एक नई लाईन, जिसकी छाल की गुणवत्ता दालचीनी के समान है, का कृषिकरण कराया जा रहा है। जोकि उत्तराखंड दालचीनी के नाम से बाजार में अपनी एक अलग पहचान बना सकेगी। इसके अतिरिक्त, राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में उगने वाले तिमूर की भी बाजार में बढती मांग को देखते हुए मिशन मोड में प्रसारित किए जाने की योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा वर्तमान में तिमूर बीज की आपूर्ति नेपाल से की जा रही है जबकि उत्तराखंड की जलवायु इसके कृषिकरण के लिए अत्यन्त अनुकूल है। प्रथम चरण में जनपद- पिथौरागढ में इसकी रोपाई की जायेगी। जबकि आगामी वर्षो में सम्पूर्ण उत्तराखंड राज्य के अनूकूल जलवायु वाले क्षेत्रों में इस फसल का कृषिकरण कराये जाने की योजना है।
Farmers Welfare Minister Ganesh Joshi ने कहा इसके प्रचार- प्रसार, तकनीकी प्रशिक्षण, प्रसंस्करण एवं बाजार सहयोग आदि के लिए विषाण (पिथौरागढ़) में “तिमूर सेटेलाईट सेन्टर को विकसित किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने कहा मिशन दालचीनी एव मिशन तिमूर के व्यापक प्रसार के लिए वर्ष 2023-24 में लगभग 200 हे० क्षेत्रफल में इनकी खेती का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को इनकी उच्चगुणवत्ता युक्त पौध सामग्री कैप में स्थित सगन्ध फसल उत्कृष्टता केन्द्र, सेलाकुई में तैयार कर उपलब्ध कराई जा रही है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा प्रदेश सरकार किसानों में लोकप्रिय फसल लैमनग्रास को भी बड़े पैमानें पर प्रसारित कर रही है। इस फसल की खेती बंजर पडी कृषि भूमि में आसानी से की जा सकती है।
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उन्होंने कहा राज्य में इस वर्ष 250 हे0 क्षेत्रफल में लैमनग्रास की खेती का लक्ष्य रखा गया है, जिसे निःशुल्क पौध योजना तथा मनरेगा कार्यक्रम के तहत प्राप्त किया जाएगा। सगन्ध फसलों की खेती राज्य के किसानों में काफी लोकप्रिय हो रही है वर्तमान में 24,000 से अधिक कृषक इसकी खेती से लाभान्वित हो रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा मुख्यमंत्री द्वारा मिशन दालचीनी एवं तिमूर की घोषणा को मूर्तरूप देने के लिए प्रदेश में कुल 1.14 करोड पौध किसानों को निःशुल्क वितरित की जाएगी। मंत्री ने भरोसा जताते हुए कहा संगध पौधा केन्द्र निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरा करते हुए किसानों को उनकी आमदनी बढाने में सार्थक भूमिका निभाएगा ।
इन जनपदों के लिए रवाना किए गए पौध(sent about 03 lakh saplings of the first phase to various districts)
- चम्पावत के ग्राम – पडासेरा, सिरमोली, डिंडा।
- पिथारागढ के ग्राम – खुमती, बूगांछीना ।
- टिहरी के ग्राम – भटोली।
- पौडी के ग्राम- जेठागॉव, ग्वीलगॉव।
- अल्मोडा के ग्राम – भुकना।
- देहरादून के ग्राम – कोटा, डिमाऊ।
इस अवसर पर कृषि सचिव कृषि दीपेंद्र चौधरी, कैप निदेशक नृपेन्द्र चौहान, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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