टिहरी गढ़वाल: काफी लंबे समय से चले आ रहे उत्तराखंड चतुर्थवर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ (uttarakhand chaturth vargiya rajya karamchari mahasangh) जिला टिहरी के कर्मचारियों और जिला प्रशासन के बीच का विवाद अब तूल पकड़ने लग गया है। अभी तक जिला प्रशासन की तरफ से कार्यवाही की उम्मीद लिए बैठे कर्मचारी उग्र आंदोलन की तैयारी में है। महासंघ की जिला इकाई टिहरी गढ़वाल द्वारा पूर्व सूचित कार्यक्रम के अनुसार 8 अगस्त से कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर है जबकि एडीएम टिहरी द्वारा समाचार पत्रों में आयुक्त गढ़वाल (Commissioner Garhwal) और कार्मिक का नाम लेकर स्थानांतरण निरस्त करने की बात बताई गई थी जिसका आज खबर लिखे जाने तक महासंघ (uttarakhand chaturth vargiya rajya karamchari mahasangh) के कर्मचारियों को धरना स्थल पर किसी तरह का कोई आदेश अथवा पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
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अब इसको लेकर कर्मचारियों द्वारा ADM Tehri द्वारा किसी तरह के षड्यंत्र की आशंका जताई जा रही है क्योंकि जब विधिवत आदेश और आयुक्त गढ़वाल व कार्मिक सचिव की सक्रियता से प्रकरण ठीक 24 घंटे में निपट सकता था उसको इतने दिनों तक उलझा के रखना कई तरह के सवाल खड़ा करता है। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ-साथ पूरी प्रदेश सरकार, सभी विपक्षी दल, सभी प्रकार की शासकीय-अशासकीय संस्थाएं आदि हर घर तिरंगा अभियान और देश के 75वे स्वतंत्रता दिवस, आजादी के अमृत महोत्सव (75th Independence Day (Azadi Ke Amrit Mahotsav) को लेकर एकजुट है तो वही जिला प्रशासन टिहरी लगातार कर्मचारियों के निशाने पर है।
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शासनादेशों के विपरीत व नियमों के विरुद्ध जिला अध्यक्ष टिहरी के साथ-साथ अन्य कर्मियों का स्थानांतरण जिला प्रशासन टिहरी की गले की फांस बनता जा रहा है। अभी तक कर्मचारी जिला प्रशासन से निष्पक्ष और उचित कार्यवाही के पक्ष में थे लेकिन कथित रूप से अनावश्यक विलंब के कारण कर्मचारियों के सब्र का बांध टूटने की कगार पर है। आने वाला समय ही बताएगा कि अभी तक इस प्रकरण पर शांत बैठे जिला प्रशासन और कर्मचारियों के बीच का विवाद कौन सा नया मोड़ लेता है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और समाचार पत्रों में ADM Tehri द्वारा दिया गया बयान कई तरह के सवाल खड़े करता है। जल्द ही अगर इस प्रकरण पर किसी तरह का प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं हुआ तो किसी तरह की कोई असमंजस वाली स्थिति पैदा हो सकती है जिसको लेकर जिला अध्यक्ष टिहरी व महामंत्री द्वारा अपने बयानों में साफ तौर पर बता चुके है।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिला प्रशासन और कर्मचारियों के बीच का यह विवाद लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि जब शासनादेशों के विपरीत व नियमों के विरुद्ध स्थानांतरण किए गए तो आखिर कर्मचारियों तक सही जानकारियां और सूचनाएं क्यों नहीं पा रही है। यह भी सोचने वाला विषय है कि जिले के जिम्मेदार पद पर बैठा हुआ एक अधिकारी ही इस पूरे विवाद का केंद्र क्यों बना हुआ है जबकि कर्मचारी विलंब होने पर किसी समाधान के लिए लगातार जिला प्रशासन से चार दौर की वार्ता और पत्रों के माध्यम से लगातार जिलाधिकारी व जिला प्रशासन के संपर्क में थे।
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अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि सोशल मीडिया और जनहित में सक्रियता रखने वाले सूबे के मुख्यमंत्री, कथित रूप से स्थानांतरण निरस्त होने के प्रकरण में नाम आने पर आयुक्त गढ़वाल व कार्मिक और आला अधिकारी इस मामले पर संज्ञान लेकर क्या कार्यवाही करते हैं। क्योंकि अभी तक 1 जिले तक सीमित यह महासंघ का कार्य बहिष्कार कभी भी कोई बड़ा रूप ले सकता है जिसका संकेत भी जिला अध्यक्ष और महामंत्री अपने बयानों में दे चुके हैं।
अर्नित टाइम्स, टिहरी गढ़वाल, (updates about District Tehri Garhwal, Government of Uttarakhand | India)
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