टिहरी: संस्कृत के प्रचार-प्रसार को समर्पित उत्तराखंड सरकार के एक और महत्वपूर्ण कदम के अंतर्गत टिहरी जनपद के मुखेम गाँव को “संस्कृत ग्राम” (Sanskrit Village Uttarakhand) के रूप में विकसित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई। इस क्रम में दिनांक 10 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुखेम संस्कृत ग्राम का वर्चुअल रूप से शुभारंभ किया गया।
इस विशेष अवसर पर राजकीय संस्कृत पाठशाला मुखेम में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन मुख्य अतिथि विधायक विक्रम सिंह नेगी के प्रतिनिधि सोहन लाल शाह और मुखेम गाँव की नव-निर्वाचित प्रधान राजेश्वरी देवी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
Sanskrit Village Uttarakhand कार्यक्रम में मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी गढ़वाल शिव प्रसाद सेमवाल ने समस्त ग्राम वासियों को आदर्श संस्कृत ग्राम बनने की शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने कहा कि संस्कृत 3 हजार वर्षों से यथावत अपने वास्तविक स्वरूप में आज भी हमारे सम्मुख है। ये इस भाषा की विशेषता है।
कार्यक्रम का संचालन संस्कृत ग्राम के संयोजक एवं पाठशाला के प्रधानाचार्य डॉ. देशबन्धु भट्ट ने किया। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए समस्त ग्रामवासियों को बधाई देते हुए आभार व्यक्त किया।
इस Sanskrit Village Uttarakhand अवसर पर संस्कृत शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक पूर्णानन्द भट्ट ने संस्कृत भाषा को ग्राम स्तर पर पुनर्जीवित करने के इस प्रयास की सराहना की। वक्ताओं ने संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाने, शिक्षा में उसकी भूमिका और ग्राम स्तर पर भाषा के पुनरुत्थान पर प्रकाश डाला।